जयपुर से एक बेहद भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है. उत्तराखंड हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान की माताजी ने भी आज दम तोड़ दिया.
राजवीर सिंह की शहादत के बाद से उनकी मां गहरे सदमे में थीं. वह अपने बेटे की मौत को सहन नहीं कर पा रही थीं. आज अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. परिवार के लोग तुरंत उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों ने बताया कि उनकी तबीयत काफी गंभीर थी और वह सदमे में थीं.
राजवीर सिंह की शहादत के बाद से उनकी मां गहरे सदमे में थीं. वह अपने बेटे की मौत को सहन नहीं कर पा रही थीं. आज अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. परिवार के लोग तुरंत उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों ने बताया कि उनकी तबीयत काफी गंभीर थी और वह सदमे में थीं.
लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह की शहादत से पूरा परिवार पहले ही गम में डूबा हुआ था, और अब उनकी मां के निधन ने दुख को और गहरा कर दिया है. गांव और आस-पास के इलाकों में भी शोक का माहौल है.
13 दिन से थीं परेशान
राजवीर सिंह की अंतिम विदाई के वक्त भी उनकी मां की हालत ठीक नहीं थी. बेटे की अर्थी देख वह बार-बार बेहोश हो रही थीं. राजवीर सिंह का परिवार जयपुर जिले के शास्त्री नगर इलाके के रहने वाले थे. वे सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद आर्यन एविएशन कंपनी में पायलट के रूप में कार्यरत थे. राजवीर सिंह की पत्नी भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कार्यरत हैं. चार महीने पहले ही उनके घर जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ था.
कैसे हुआ था केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसा?
15 जून सुबह 5:18 बजे आर्यन एविएशन कंपनी का हेलीकॉप्टर यात्रियों को लेकर केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए रवाना हुआ था. उड़ान भरते समय मौसम सामान्य था, लेकिन कुछ ही मिनटों में घना कोहरा और बादल छा गए, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई. पायलट राजवीर सिंह चौहान ने जैसे-तैसे हेलीकॉप्टर को घाटी से बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन गौरीकुंड के पास जंगल के ऊपरी हिस्से में हेलीकॉप्टर पेड़ों से टकरा गया और तेज धमाके के साथ क्रैश हो गया. हेलीकॉप्टर में सवार सभी 6 यात्री और पायलट राजवीर सिंह चौहान की मौके पर ही मौत हो गई.