रसोई घर में खाने जायका बढ़ाने वाले कुछ मसाले मानव शरीर के लिए किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है. सब्जी में छौंक लगाने के काम आने वाला जीरा ऐसी ही एक औषधि है. छोटे-छोटे दाने वाला जीरा मसाला के साथ-साथ दवा का भी काम करता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार जीरा अनेक औषधीय गुणों से भरपूर होता है.
राजस्थान में इसकी खेती बहुत अधिक मात्रा में की जाती है. आयुर्वेदिक चिकिस्तक डॉ. किशन लाल ने बताया कि छाछ के साथ जीरा पीने से पेट ठंडा रहता है और पेट से जुड़ी समस्या भी दूर होती है. इसमें आयरन, कॉपर, कैल्शियम, जिंक, पोटेशियम जैसे तत्व जीरा को काफी गुणकारी बनाते हैं.
रसोई में मसाले के तौर पर काम में लेने वाला जरा औषधीय गुण से भरपूर होता है. आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. किशन लाल ने बताया कि जीरा का बड़ा औषधि महत्व होता है. वेट लॉस करने में जीरा सबसे ज्यादा असरदार मसाला होता है और शरीर के पानी को बैलेंस करता है.
डॉक्टर के अनुसार पाचन तंत्र को स्वस्थ करने में जीरा जड़ी बूटी का काम करता है. यह अपच से तुरंत राहत दिलाता है और पाचन तंत्र को मजबूत करता है. जीरा के लगातार सेवन से खाना जल्दी पचता है. इसके अलावा इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, कॉपर, मैंगनीज, एंटी ऑक्साइड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को सूजन से बचते हैं.
जीरा का पानी का सेवन शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है. वहीं जीरे में मौजूद पोषक तत्व नींद की समस्या में तुरंत राहत दिलाता है. यह तनाव कम करने वाला मसाला माना जाता है. जीरे के पानी में मेलाटोनिन होता है जो अच्छी नींद में सहायक होता है.
जीरा भारतीय रसोई में एक प्रमुख मसाला है, जो न केवल स्वाद बढ़ाने के लिए बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है. जीरा तड़के में सबसे अधिक उपयोग होता है. इसे घी या तेल में हल्का भूनकर दाल, सब्जी, या कढ़ी में डाला जाता है. इसके अलावा पेय पदार्थों में भी इसका उपयोग किया जाता है.
भुने हुए जीरे को पानी में उबालकर या भिगोकर पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है. वहीं भुना हुआ जीरा पाउडर छाछ और रायते में डालने से स्वाद और पाचन दोनों बेहतर होते हैं. पीरियड के दर्द के राहत के लिए भी इसका उपयोग होता है. इसके लिए गर्म पानी में जीरा उबालकर पीने से दर्द में राहत मिलती है.