डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्मदिवस मनाया गया
बीकानेर 06 जुलाई 20
भारतीय जनता पार्टी बीकानेर देहात ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक डां श्यामा प्रसाद मुखर्जी का 119 वा जन्मदिन मनाया जिसके तहत पार्टी कार्यालय मे श्यामप्रसाद मुखर्जी के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर पुष्प माला पहनाकर मनाया कार्यक्रम भाजपा बीकानेर देहात जिलाध्यक्ष ताराचन्द सारस्वत के नेतृत्व मे बीकानेर देहात के सभी 22 मण्डलो मे मनाया गया जिसके तहत आज भाजपा बीकानेर देहात श्रीडुगरगढ कार्यालय मे जिलाध्यक्ष ताराचन्द सारस्वत, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एव पर्व जिलाध्यक्ष रामगोपाल सुथार, पूर्व चेयरमैन नगरपालिका रामेश्वरलाल पारीक, जिला मंत्री शिव प्रजापत, पूर्व चेयरमैन शिव स्वामी, नगरपालिका उपाध्यक्ष हरि बाहेती, शहर अध्यक्ष महावीर प्रजापत, पार्षद संजय शर्मा, आईटी जिला संयोजक कोजूराम सारस्वत, राधेश्याम तापड़िया, महेश राजोतिया, शिव तावणीयाँ, थानमल भाटी, सुधीर स्वामी, जितेन्द्र झाबक, भवानी प्रकाश, रामसिंह, लोकेश सिद्ध, राजेश, रजत, जगदीश सहित पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। जन्मदिवस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ताराचन्द सारस्वत ने कहा कि श्यामाप्रसाद मुखर्जी सच्चे देशभक्त थे उन्होंने अपने देश के लिए प्राणो की आहुती दी और शहीद हो गये वो आधुनिक भारत के निर्माता थे तभी उन्होने नेहरू मत्रिमण्डल मे इस्तीफा दे दिया कहा नेहरू सरकार पाश्चात्य देशो की रूढिवादी सोच पर चलती है हमे नये भारत का भविष्य बनना है देश को विश्वगुरू बनाना है जिलाध्यक्ष सारस्वत ने कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए कहा कि।डां मुखर्जी का जन्म आज ही के दिन 06 जुलाई 1901 को कलकक्ता में हुआ था।उनकी माताजी श्रीमति जोगमाया देवी मुखर्जी तथा पिताजी श्री आषुतोश मुखर्जी थे।बी.ए., एम.ए.,एल.एल.बी,डी.लिट. डिग्री के साथ लिनकांन्स इन से बेरिस्टर इन लांच की डिग्री भी हासिल करने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि
डां मुखर्जी बंगाल लेजिसलेटिव कोंसिल के सन् 1929 से 1947 तक सदस्य,अखिल भारतीय हिन्दु महासभा के 1943 से 1947 तक अध्यक्ष रहे।तथा कलकत्ता विश्वविद्यालय के उपकुलपति भी रहे।डां मुखर्जी भारतीय संविधान निर्माण समिति जिसका गठन 9 दिसम्बर 1946 को हुआ था के भी सदस्य रहे जिसमे सभी प्रमुख लोकतांत्रिक देशो संविधानों को मूलाधार बना विश्व का सबसे मजबूत संविधान का निर्माण 24 जनवरी 1950 को देश के सुपुर्द कर दिया जिसे भारत के प्रथम गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को लागू कर दिया। भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा
की डां मुखर्जी देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरु की सरकार में 15 अगस्त 1947 से 23 जून 1953 तक केन्द्रीय उद्योग एवम सप्लाई मंत्री रहे।
जम्मू कश्मिर में पं नेहरु सरकार द्वारा धारा 370 जिसके तहत देश के ही राज्य जम्मू-कश्मिर में राज्य के मुखिया को प्रधानमन्त्री, राज्य मे अलग संविधान लागू,राज्य का अलग झण्डा तथा देश के राष्ट्रीय ध्वज का दर्जा उसके बाद तथा अलग से जम्मू-कश्मिर को विशेष दर्जा दिये जाने के पुरजौर विरोध कर डां मुखर्जी ने 6 अप्रेल 1950 को पं नेहरु के केन्द्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे दिया तथा “एक देश-एक निशान-एक प्रधान-एक संविधान” का नारा देकर जम्मू-कश्मिर में जाने के लिये घोषणा कर दी अनुमति के बिना ही,श्रीनगर के लालचौक में देश का तिरगां झण्डा फहराने की हठ ठानकर निकल पड़े।
बिना अनुमति के चलते जम्मू-कश्मिर सरकार की पुलिस ने कस्टेडी मे ले लिया तथा संदिग्ध रुप से पुलिस कस्टेडी में ही अगले दिन उनकी मृत्यु हो गरी,जिसे हार्ट-अटेक कारण बताया गया।जिसे 2004 में भरी संसद में भाजपा का नेतृत्व कर रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने इसको पं नेहरु की निति का धुर-विरोध करने के चलते डां मुखर्जी का मर्डर होना करार दिया।
डां मुखर्जी ने पं नेहरु मंत्रिमण्डल से त्यागपत्र देने के बाद राष्ट्रवादी हिन्दुत्व की विचारधारा का मूलमंत्र लेकर 1951 में भारतीय जनसंघ के रुप में राजनितिक पार्टी की स्थापना कर संस्थापक अध्यक्ष बने।वहीं भारतीय जनसंघ जिसका तानाशाह बन देश मे आपातकाल लगाने वाली श्रीमति इंदिरा गांधी की सरकार के विरोध में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चलाये जन-आंदोलन को 1977 में बनी जनता पार्टी में विलय कर दिया गया था व देश में जनता पार्टी की सरकार भी बन गयी।वैचारिक विविधताओं के चलते सरकार बिना कार्यकाल पूरा किये पहिले मोरारजी देसाई की सरकार गिर गयी तथा उसके बाद इन्दिरा गांधी के गलत बहकावे में आकर चौधरी चरण सिंह की बनी सरकार को बिना संसद में बहुमत साबित किये ही इस्तिफा देकर पुन: चुनाव कराने का निर्णय करना पड़ा। बोथरा ने कहा कि
1980 में उसी जनसंघ घटक ने जनता पार्टी से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी की अटलजी के नेतृत्व में स्थापना की।जो आज देश में मोदीजी के नेतृत्व वाली सरकार चला रही है,तथा विश्व की सबसे अधिक सदस्यों वाली राजनितिक पार्टी भी बन गयी है मोदी 2.0 सरकार द्वारा संसद में विधेयक लाकर तथा दोनों सदनो में पास कराकर जम्मू-कश्मिर से धारा 370 व 35A हटाकर उसे भी देश का अभिन्न अंग बनाकर सही मायने में डां मुखर्जी के सपने को साकार कर उनका सही मायने में जन्मदिन मनाने का पहला सुअवसर प्रदान किया है।देशभर में मनाये जाने वाले डां मुखर्जी के इस जन्मदिन पर प्रत्येक बूथ स्तर पर 10 पौधे लगाकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि देकर कार्यकर्ता अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है ।