राजस्थान बीजेपी में संगठन चुनावों के छह महीने बाद भी पार्टी का ढांचा अधूरा है। दिसंबर 2024 में शुरू हुए संगठन पर्व के तहत बूथ से लेकर प्रदेशाध्यक्ष तक के चुनाव होने थे। प्रदेशाध्यक्ष पद पर मदन राठौड़ के 22 फरवरी 2025 को निर्वाचन के साथ चुनावी प्रक्रिया तो पूरी हो गई, लेकिन संगठन के अहम पद अब तक खाली हैं।
प्रदेश में अब तक करीब 50 मंडल अध्यक्ष और 4 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। यही नहीं, पहले से नियुक्त मंडल और जिलाध्यक्षों की कार्यकारिणी भी नहीं बनी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ संगठन को पूरी तरह सक्रिय क्यों नहीं कर पा रहे?
बीजेपी प्रदेश में 44 संगठनात्मक जिले हैं। इनमें से 40 जिलों में 31 जनवरी 2025 तक जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिए गए थे, लेकिन दौसा, झुंझुनूं, धौलपुर और जोधपुर देहात उत्तर में नियुक्तियां अब तक लंबित हैं। इन चार जिलों में स्थानीय और बड़े नेताओं के बीच सहमति नहीं बन पा रही है।
दौसा: पार्टी यहां ब्राह्मण समाज से जिलाध्यक्ष बनाना चाहती है, लेकिन मंत्री किरोड़ीलाल मीणा और स्थानीय विधायकों में किसी एक नाम को लेकर सहमति नहीं है। दौसा में 27 में से केवल 13 मंडलों में अध्यक्ष बनाए गए हैं, जिनमें से 2 पर विवाद भी जारी है।