माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट को लेकर नया सर्कुलर जारी किया है। बेटर रिजल्ट देने वाले सरकारी स्कूलों को अब श्रेष्ठता प्रमाण पत्र दिया जाएगा। यदि रिजल्ट खराब रहा तो प्रिंसिपल को जवाब देना पड़ेगा।
शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने बताया कि स्कूल का कक्षा 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत और उससे ज्यादा तथा कक्षा 5वीं और 8वीं में 90 प्रतिशत या इससे ज्यादा स्टूडेंट्स द्वारा ‘ए’ ग्रेड प्राप्त करने पर संस्था प्रधान को विभाग द्वारा श्रेष्ठ विद्यालय का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। श्रेष्ठ परिणाम के लिए न्यूनतम 10 स्टूडेंट्स का नामांकन होने पर ही विचार किया जाएगा। यदि विद्यालय में किसी भी एक परीक्षा (कक्षा पांचवीं, आठवीं, दसवीं और बारहवीं) में परिणाम मानदण्ड से कम रहता है, तो संस्था प्रधान को प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा।
*60 परसेंट से कम रिजल्ट आने पर मिलेगी चेतावनी*
निदेशक ने बताया- स्कूल का 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम 60 प्रतिशत अथवा इससे कम, 10वीं बोर्ड का 50 प्रतिशत या इससे कम रहने और कक्षा 5वीं और 8वीं के परीक्षा परिणाम में 50 प्रतिशत या अधिक विद्यार्थियों द्वारा ‘ई’ ग्रेड प्राप्त करने पर संस्था प्रधान के परीक्षा परिणाम को न्यून माना जाएगा। संस्था प्रधान के रूप में पिछले 5 सालों में परीक्षा परिणाम एक बार मानदंड से न्यून रहने पर लिखित चेतावनी दी जाएगी और ट्रांसफर भी किया जा सकेगा। लगातार दो साल या पिछले 5 सालों में से किन्हीं 3 साल का परीक्षा परिणाम मानदंड से न्यून रहने पर सीसीए नियम-17 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकेगी।
*टीचर्स के लिए ये होगा क्राइटेरिया*
मोदी ने बताया कि शिक्षक का कक्षा 12वीं एवं 10वीं में अध्यापन करवाए गए विषय का बोर्ड परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत अथवा उससे अधिक रहने तथा कक्षा 5वीं और 8वीं में अध्यापन करवाए गए विषय का परीक्षा परिणाम 95 प्रतिशत या अधिक विद्यार्थियों द्वारा ‘ए’ ग्रेड प्राप्त करने पर संबंधित शिक्षक को विभाग की ओर से श्रेष्ठ परिणाम का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। श्रेष्ठ परिणाम के लिए न्यूनतम दस विद्यार्थियों का नामांकन होने पर ही विचार किया जाएगा। यदि विद्यालय में किसी भी एक परीक्षा (कक्षा पांच, आठ, दस और बारह) में परिणाम मानदंड से न्यून रहता है तो शिक्षक को परीक्षा परिणाम के लिए प्रणाम पत्र नहीं दिया जाएगा।
*न्यून परीक्षा परिणाम पर होंगे ये प्रावधान*
इसी प्रकार शिक्षक का कक्षा 12वीं में अध्यापन करवाए गए विषय का बोर्ड परीक्षा परिणाम 70 प्रतिशत अथवा न्यून एवं कक्षा 10वीं में अध्यापन करवाए गए विषय का बोर्ड परिणाम 60 प्रतिशत अथवा न्यून रहने पर एवं कक्षा 5वीं एवं कक्षा 8वीं में अध्यापक (लेवल-प्रथम अथवा लेवल-द्वितीय जो निर्धारित हो) के कक्षा/विषय के परीक्षा परिणाम में 40 प्रतिशत अथवा अधिक विद्यार्थियों द्वारा ‘ई’ ग्रेड प्राप्त करने पर संबंधित शिक्षक के परीक्षा परिणाम को न्यून माना जाएगा।