नवजात की संदिग्ध मौत की जांच को लेकर धरना शुरू हो गया है। धरने का नेतृत्व कर रहे जुगल भार्गव ने बताया कि बागड़ी हॉस्पिटल में एक महिला को 24 मई 2025 को भर्ती किया गया था। 25 मई की सुबह सात बजे उसके पेट में चीरा लगाया गया। डॉक्टर की गैरमौजूदगी में डिलीवरी की जिम्मेदारी स्टाफ ने ली। इलाज ठीक से नहीं हुआ। सुबह नौ बजे बीकानेर रेफर कर दिया गया। रास्ते में एंबुलेंस में ही बच्चा शरीर से आधा बाहर आ गया। शरीर में गंदा पानी भर गया। बच्चा फूल गया। इलाज में देरी और लापरवाही से एंबुलेंस में ही उसकी मौत हो गई। बीकानेर पीबीएम हॉस्पिटल में बच्चे को मृत घोषित किया गया।
महिला को वहीं भर्ती किया गया है। नोखा हॉस्पिटल स्टाफ ने जानबूझकर गलत इलाज किया। पेट में चीरा लगाकर महिला और बच्चे की जान को खतरे में डाला। परिजनों ने नोखा थाने में शिकायत दी, लेकिन अब तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। सिर्फ शिकायत दर्ज कर खानापूर्ति की गई। कार्रवाई नहीं होने पर शनिवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया है।