जमीन का झगड़ा जब रिश्तों से बड़ा हो जाए, तो खून के रिश्ते भी दुश्मनी में बदल जाते हैं। ऐसा ही मामला सामने आया है बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के बिग्गा गांव में, जहां शुक्रवार रात एक ही परिवार के लोगों के बीच चली आ रही जमीन की रंजिश ने हिंसक रूप ले लिया। इस मामले में श्रीडूंगरगढ़ थाने में जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज हुई है।
थानाधिकारी जितेंद्र स्वामी ने बताया कि बिग्गा निवासी 54 वर्षीय जेठाराम पुत्र हरदासराम जाट ने गांव के ही रामदयाल, उसके पुत्र रामवतार व अन्य परिजनों सहित सात लोगों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है।
परिवादी के अनुसार, रोही बिग्गा में उसका खेत खसरा नंबर 1763/780 स्थित है। कोर्ट के आदेश के तहत 2 मई 2024 को प्रशासन ने इस जमीन की सीमांकन प्रक्रिया (पत्थरगढ़ी) शुरू की थी, जिसे विरोध के चलते 22 नवंबर 2024 को नहीं किया जा सका। प्रशासन ने 22 मई 2025 को एक नई टीम बनाकर 28 मई को भारी पुलिस बल के साथ पत्थरगढ़ी की कार्रवाई पूरी की।
लेकिन इसके बाद विवाद और गहराता गया। जेठाराम का आरोप है कि 30 मई को जब वह खेत की तारबंदी कर रहा था, तब करीब 3 बजे रामदयाल व उसका पुत्र रामवतार ट्रैक्टर लेकर उसके खेत में जबरन घुस आए और जान से मारने की धमकी देने लगे। ट्रैक्टर से पीछा किया गया और लाठी, चौसंगी, कुल्हाड़ियों से लैस परिवार की महिलाएं और अन्य सदस्य-रूपाराम की पत्नी भंवरी, रामदयाल की पत्नी चुकी, ताराचंद की पत्नी हीरा, रूपाराम की बेटी द्रोपती व रामदयाल का बेटा कानाराम भी मौके पर पहुंच गए।
आरोप है कि सभी ने मिलकर जेठाराम, उसकी पत्नी रामीदेवी व बेटे मनमोहन पर जानलेवा हमला किया। इस दौरान ट्रैक्टर से टक्कर मार कर जेठाराम का ट्रैक्टर पलटा दिया गया, जिससे आरोपी रामदयाल खुद भी घायल हो गया और ट्रैक्टर के नीचे गिर पड़ा।
पीड़ित ने सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच हैड कांस्टेबल देवाराम को सौंप दी है। फिलहाल मामले की जांच जारी है और जमीन के इस विवाद ने पूरे गांव में तनाव का माहौल बना दिया है।