राजस्थान में कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि हुई है। पिछले दिनों पुणे स्थित एनआईवी में भेजे गए 4 मरीजों के सैंपल में XFG के 2 और LF.7.9 के 2 केस मिले हैं। देश के पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में इन दिनों इन दोनों वैरिएंट के केस ज्यादा आ रहे हैं। इसके अलावा JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के भी स्ट्रेंथ मिल रहे हैं।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया- इन दोनों ही स्ट्रैंथ के मामले बहुत गंभीर नहीं है। लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। बस सतर्क रहे और भीड़भाड़ के एरिया में जा रहे बच्चों, बुजुर्गों और कोमोरबिडिटी (पुरानी बीमारी वाले मरीज) को हो सके तो मास्क का उपयोग करना चाहिए।
अब तक प्रदेश में कुल 39 केस
हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में इस साल अब तक कुल 39 केस सामने आ चुके हैं। एक मरीज की मौत इस बीमारी से हुई है। जिलेवार रिपोर्ट देखें तो सबसे ज्यादा जयपुर में 17 केस आए हैं, जबकि जोधपुर में 6, उदयपुर में 4, डीडवाना में 3, बीकानेर, अजमेर में 2-2, दौसा, बालोतरा, फलोदी, सवाई माधोपुर और एक अन्य जगह एक-एक केस मिला है।
JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है
JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स है, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।
JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।