श्री डूंगरगढ़ ब्लॉक स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह
हेतदास स्वामी, भंवरलाल शर्मा, रामकरण डोटासरा पुरस्कृत
शिक्षक समाज में बदलाव, शिक्षा, संस्कारों एवं संस्कृति का संवाहक : प्रजापत
श्री डूंगरगढ़, 5 सितम्बर, 2024
शिक्षा, संस्कार एवं संस्कृति के द्वारा समाज में परिवर्तन लाने का कार्य करने के कारण ही शिक्षक सम्मानजनक लोगों की पंक्ति में सर्वाधिक अग्रिम स्थान रखता है। शिक्षक सीख देने की प्रक्रिया का बहु आयामी ध्रुव है। वह समाज की प्रमुख धुरी है। ये विचार मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश प्रजापत ने रखे। वे कस्बे के पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित ब्लॉक स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में बोल रहे थे।
सरस्वती के पूजन-अर्चन तथा राज्य पुरस्कृत शिक्षक डॉ. राधाकिशन सोनी द्वारा शिक्षक पुरस्कार के परिचय से शुरू कार्यक्रम में शिक्षाविद् ताराचंद इंदौरिया ने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन का आदर्श नैतिक मूल्यों पर रखना चाहिए। विधायक प्रतिनिधि एस डी एम सी सदस्य एवं पूर्व प्राचार्य लीलाधर सारस्वत ने भविष्य की संभावित चुनौतियों का सामना कर विद्यार्थियों को दूरगामी सोच रखने की आवश्यकता है। आज के भयावह समय में स्वर्णिम भारत के सपने को साकार करने का दायित्व युवा पीढ़ी पर है। उन्होंने विद्यालय विकास में योगदान के लिए शहर के भामाशाहों से योगदान करने का आह्वान किया।
समारोह में शिक्षा के प्राथमिक वर्ग से सिखवाल रा उ मा वि, श्री डूंगरगढ़ के रामकरण डोटासरा, उ प्रा वर्ग से राउप्रावि, धोलिया के भंवरलाल शर्मा एवं माध्यमिक वर्ग से राउमावि, बिंझासर के हेतदास स्वामी का माल्यार्पण उपरान्त साफा, शॉल, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक एवं नकद पुरस्कार राशि प्रदान कर सम्मान किया गया।
शाला के पूर्व शिक्षक इंदौरिया एवं सारस्वत का शाला परिवार की ओर से साफा पहनाकर सम्मान किया गया। विद्यालय के प्राचार्य डॉ. मनीष कुमार सैनी ने विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए सभी का आभार प्रकट किया।
शाला के पूर्व शिक्षक भीमसेन मित्तल की स्मृति में कस्बे के राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों एवं प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ईश्वरराम गरुवा, प्राचार्य उमाशंकर सारण, उप प्राचार्य पवनकुमार शर्मा, व्याख्याता महेंद्र कुमार दाधीच, सरला देवी भीमसेन मित्तल एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन के प्रतिनिधि अनुराग आदि की उपस्थिति में आयोजित समारोह का संचालन व्याख्याता मदनलाल कड़वासरा ने किया।