शादी समारोह में 50 से अधिक अतिथियों पर प्रतिबंध, जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा
जिला मजिस्ट्रेट कुमार पाल गौतम ने गुरूवार को एक आदेश जारी कर कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जिले की सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में कुछ गतिविधियों को प्रतिबंधित किया हैं।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि वर्तमान में जिला कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण, रोकथाम के दौर से गुजर रहा है। कोरोना वायरस पर नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रतिबन्धात्मक आदेश समय समय पर जारी किये जा रहे है ताकि लोक-व्यवस्था कायम रह सके एवं मानव जीवन सुरक्षित रहे। इसके लिये सामाजिक दूरी एवं कोविड-19 हेतु जारी किए गये प्रोटोकाॅल के तहत अन्य एहतियाती कदमों की अनुपालना सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।
गौतम ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के क्रम में केन्द्र सरकार/राज्य सरकार एवं जिला स्तर से जारी किये गये निर्देंशों में विवाह समारोह में 50 से अधिक अतिथियों के आमंत्रण पर प्रतिबंन्ध है तथा जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत निषेधाज्ञा भी लगाई गई है।
इसी क्रम में गृह विभाग के आदेशों की अनुपालना में जिले में वर्तमान विद्यमान परिस्थितियों में सामाजिक दूरी व अन्य एहतियाती उपायों की अनुपालना हेतु एवं परेशानी मुक्त आवागमन हेतु कोरोना वायरस के संक्रमण की परिस्थितियों से सन्तुष्ट होने के उपरान्त कोरोना वायरस के संक्रमण से आमजन को सुरक्षित रखने हेतु तथा जन साधारण के स्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु जिले के सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में कुछ गतिविधियों को प्रतिबन्धात्मक किया है।
जिला मजिस्ट्रेट, कुमार पाल गौतम ने राजस्थान पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 44 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बीकानेर जिले की सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र के लिए गतिविधियों में मुख्य सड़कों पर बारात के प्रोसेशन पर, मुख्य सड़कों पर किसी भी प्रोसेशन के साथ डी.जे. के बजाने पर एवं मुख्य सड़कों पर सार्वजनिक सभा जुलुस एवं समारोह के आयोजन पर प्रतिंबंध लगाया है।
उन्होंने बताया कि उपरोक्त प्रतिबंन्धों के उल्लंधन को गंभीरता से लिया जायेगा एवं आदेश की अवहेलना करने वाले व्यक्ति अथवा व्यक्तियों पर कानूनी प्रावधानों के अन्तर्गत आवश्यक कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी।
उन्होंने बताया कि यदि अपरिहार्य कारणों से मुख्य सड़कों पर प्रोसेशन, सार्वजनिक सभा एव समारोह के आयोजन आदि किया जाना नितान्त आवश्यक हो, तो इसके लिए संबधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की लिखित में पुर्वानुमति आवश्यक होगी। उन्होंने बताया कि इन प्रतिबन्धात्मक आदेश की पालना संबधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट, उपाधीक्षक पुलिस, तहसीलदार एव कार्यपालक मजिस्ट्रेट तथा थानाधिकारी, पुलिस थाना के माध्यम से सुनिश्चित करवाई जायेगी।
उक्त आदेश की अवहेलना करने पर संबधित व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, 269, 270 एवं राजस्थान महामारी अध्यादेश, 2020 एवं अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों के अन्तर्गत अभियोजन चलाया जा सकेगा। यह आदेश आज आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा।