अंतर महाविद्यालय कुश्ती प्रतियोगिता में पटेल बालविहार व्यायामशाला दो पहलवानों ने गोल्ड मेडल जीते,बीकानेर में खुशी की लहर
बीकानेर / महावीर कुमार सहदेव
11 दिसंबर 2022 बीकानेर/ अंतर महाविद्यालय कुश्ती प्रतियोगिता में पटेल बालविहार व्यायामशाला बीकानेर के दो पहलवानों ने अपने अपने भार वर्ग में गोल्ड मेडल अपने नाम किएं है। पलवान महावीर कुमार सहदेव एवं जगन पुनीयां ने जानकारी देते हुए बताया कि मैडल लगने पर बीकानेर के खेल संगठनों एवं पहलवानों में खुशी की लहर है। अखिल भारतीय माल्हा भारोत्तोलन संघ,जिला कुश्ती संगम,बॉक्सिंग संघ एवं कबड्डी संघ ने भी पहलवानों के जीतने की खुशी प्रकट करते हुए बधाई दी।अंतर महाविद्यालय कुश्ती प्रतियोगिता में 125 किलोग्राम भार वर्ग में रोमन घोड़ेला एवं 79 किलोग्राम भारवर्ग में शिवकरण सारस्वत ने गोल्ड मैडल कई पहलवानों को परास्त कर प्राप्त किएं है।
अंतर महाविद्यालय कुश्ती प्रतियोगिता सेठ सूरजमल तापड़िया आचार्य संस्कृत महाविद्यालय जसवंतगढ़ नागौर में आयोजित हुई। कुश्ती सगंम के अध्यक्ष कमल कल्ला, संगम सचिव पहलवान जगन पूनियां, संगम के संरक्षक अरुण कुमार पांडे, मान सिंह सिहाग, मांगेराम पूनियां, प्रदीप कुमार स्वामी, अमर सिंह ट्रॉमा, संगम के उपाध्यक्ष पहलवान महेंद्र सिंह चौहान, प्रदीप सिंह, भवानी सिंह, रिंकू कौशिक, सौरभ पाराशर, जितेंद्र खीची,खालिद भुट्टा,रामकुमार ,कृष्ण कुमार बिस्सा, पहलवान रामप्रसाद,पालाराम चौधरी, रामप्रताप उर्फ छोटू,लक्ष्मण सारस्वत, सहीराम,नेमपाल सियाणा, संवीन लांबा,सामाजिक कार्यकर्ता भूरमल सोनी, लालचंद सोनी,ओम प्रकाश सोनी (नाल), नारायण सिंह भुट्टा एवं श्री डूंगरगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष तोलाराम मारू एवं लक्ष्मण सहदेवड़ा आदि ने भी मेडल मिलने पर प्रसंता प्रकट करते हुए बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।
इस अवसर पर पहलवान महावीर कुमार सहदेव ने बताया की इन दोनों ही पहलवानों ने इस दंगल को लेकर खूब मेहनत की,पटेल बालविहार व्यामशाला में उस्ताद जगन पूनियां के सानिध्य में कुश्ती का खूब अभ्यास किया। इन दोनों ही पहलवानों में कुश्ती को लेकर बड़ी रूचि थी और आज इनको मेहनत का फल सोने के मेडल के रूप में मिला। 10 वर्षों में कुश्ती के क्षेत्र में सैकड़ों मेडल बीकानेर को मिले हैं! कुश्ती से जुड़कर बहुत से युवा आज सरकारी नौकरियों में अपनी रोजी-रोटी भी कमा रहे!आगामी कुश्ती के आयोजन में इन दोनों ही पहलवानों का सम्मान किया जाएगा!महावीर कुमार सहदेव ने बताया कि 16 वर्ष की आयु में खिलाड़ी को कुश्ती अपने कोच की देख-रेख में शुरू कर देनी चाहिए और साथ ही साथ पढ़ाई भी ताकि वह आगे चलकर भविष्य में कुश्ती के बदौलत पर अपने पैरों पर खड़ा हो सके सरकारी महकमा में नौकरी कर सके!
सहदेव ने बताया कि 25 वर्षों से मैं देख रहा हूं लगातार बीकानेर के पहलवान कुश्ती के क्षेत्र में अच्छे मैडल लाए हैं और उन्हीं मेडलों की वजह से विभिन्न सरकारी महकमों में नौकरियां भी लगती है!हाल ही के दिनों में पटेल बालविहार व्यामशाला के युवा शारीरिक शिक्षक लगे हैं और कुछ युवा पहले ही पुलिस एवं फौज में भी लगे हुए हैं!बहुत से युवाओं में इस बात का डर रहता है कि हम हार जाएंगे इस अवसर पर मैं बताना चाहूंगा कि हर खिलाड़ी का हार-जीत एक आभूषण की तरह है “हार में ही जीत छुपी हुई होती है “हार का भय निकालकर कुश्ती खेल को अपनाएं और अपने परिवार अपने कस्बे शहर एवं देश का नाम रोशन करें और साथ ही साथ इस खेल की बदौलत सरकारी महकमों में नौकरी लग कर अपने घर परिवार की सेवा करे! इन पहलवानों के गोल्ड लगने पर पटेल बालविहार व्यामशाला के संचालक कोच जगन पूनियां को सभी खेल संगठनों एवं पहलवानों की ओर से मेडल मिलने की बधाइयां मिल रही है। जगन पुनियां ने इस अवसर पर कहा कि “जो लंगोट का सच्चा, वही शेर का बच्चा” मेहनत करने पर सफलता जरूर मिलती ही है ।कुश्ती मेहनत और ईमानदारी का खेल है इमानदारी और मेहनत से सफलता मिलती ही है!