पतंजलि की कोरोना वायरस दवा पर रोक, अभी इसकी वैज्ञानिक जांच नही हुई
नई दिल्ली।23 जून।
भारत सरकार ने पतंजलि से कोरोना वायरस की दवा का विज्ञापन बंद करने को कहा है। दरअसल, योग गुरु स्वामी रामदेव ने कोरोनावायरस की दवा ‘कोरोनिल’ को मंगलवार को बाजार में उतार और दावा किया कि आयुर्वेद पद्धति से जड़ी बूटियों के गहन अध्ययन और शोध के बाद बनी यह दवा शत प्रतिशत मरीजों को फायदा पहुंचा रही है।
पतंजलि की ओर से आज लॉन्च की गई कोरोना वायरस के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल के प्रचार पर सरकार ने रोक लगा दी है। आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को आदेश दिया है कि कोविड दवा का तब तक प्रचार नहीं करें जब तक कि मुद्दे की जांच नहीं हो जाती है। मंत्रालय ने पतंजलि से दवा की डीटेल मांगी है ताकि पतंजलि के दावे की जांच की जा सके। आयुष मंत्रालय ने कहा है पतंजलि की कथित दवा, औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) कानून, 1954 के तहत विनियमित है।
बता दें कि दवा के लॉन्चिंग के मौके पर पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया था कि यह दवा 3-14 दिनों के अंदर कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज कर सकेगी। हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में लॉन्चिंग के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोनिल दवा का जिन कोरोना मरीजों पर ट्रायल किया गया, उनमें 69 फीसदी मरीज केवल तीन दिनों में ही पॉजीटिव से निगेटिव और सात दिन के अंदर 100 फीसदी रोगी संक्रमण से मुक्त हो गए।