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डॉ. रवीन्द्र को साहित्यश्री और सवाई सिंह को मिलेगा समाज सेवा सम्मान

राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति ने की घोषणा । श्रीडॅूंगरगढ़ में भव्य समारोह में अर्पित किये जायेंगे सम्मान।

राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ द्वारा भाषा, साहित्य व संस्कृति के क्षेत्र में सुदीर्घ सेवा के लिए दिए जाने वाले ‘साहित्यश्री सम्मान’ और सामाजिक सरोकारों को समर्पित ‘श्री रामकिशन उपाध्याय स्मृति समाज सेवा सम्मान ’ की घोषणा कर दी गई है । इस आशय की जानकारी देते हुए संस्थाध्यक्ष श्याम महर्षि ने बताया कि संस्था द्वारा 20 वर्ष से अधिक समय तक की सेवा के लिए प्रतिवर्ष दिये जाने वाले राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध श्री मलाराम माली स्मृति साहित्यश्री सम्मान और सामाजिक सरोकारों को समर्पित व्यक्तित्व को अर्पित किये जाने वाले ‘श्री रामकिशन उपाध्याय स्मृति समाज सेवा सम्मान ’ की घोषणा की गई है। संस्था के मंत्री रवि पुरोहित ने बताया कि इस वर्ष साहित्यश्री सम्मान मेरठ के प्रख्यात शिक्षाविद, साहित्यकार, संपादक डॉ. रवीन्द्र को और समाज सेवा सम्मान जयपुर के सवाई सिंह को अर्पित किये जायेंगे । संयुक्त मंत्री सत्यनारायण योगी ने बताया कि 14 सितम्बर, 2022 को संस्था के वार्षिकोत्सव के अवसर पर चयनित विद्वानों को ग्यारह हजार रूपये नगद राशि के साथ सम्मान-पत्र, स्मृति-चिह्न, शॉल अर्पित किए जायेंगे । समारोह समन्वयक महावीर माली ने बताया कि संस्था के हिन्दी, राजस्थानी भाषा के सृजन पुरस्कार व महिला लेखन पुरस्कार की घोषणा भी शीघ्र की जावेगी।
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डॉ. रवीन्द्र कुमार – सुप्रसिद्ध विद्वान और भारतीय शिक्षाशास्त्री डॉ. रवीन्द्र कुमार मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं और देश-विदेश की अनेक सांस्कृतिक, सामाजिक, बौद्धिक और शैक्षणिक संस्थाओं से सम्बद्ध रहने के साथ ही एक सौ से अधिक पुस्तकों के लेखक-सम्पादक हैं। विश्व के लगभग एक सौ विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों में चार सौ से अधिक व्याख्यान दे चुके डॉ. कुमार को वर्ष 2001 में उल्लेखनीय शैक्षणिक-साहित्यिक सेवाओं के लिए माननीय राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री से समादृत किया जा चुका है।

सवाई सिंह – 25 नवम्बर, 1953 को ग्राम सिंहलका (अलवर) में जन्मे सिंह का जीवन संघर्ष को समर्पित रहा है। महात्मा गांधी और लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जीवन मूल्यों से बेहद प्रभावित सिंह सामाजिक समता और सामाजिक न्याय के लिए गरीब, दलित व पिछड़ों की आवाज को बुलंद करने में सदैव अग्रणी रहे हैं। इस हेतु सम्पूर्ण क्रांति यात्रा, ग्राम स्वराज्य पदयात्रा व वाहन यात्रा, किसान आंदोलन, शांति-सद्भाव व भाईचारे को समर्पित वैचारिक उपक्रमों, दलित, महिला, अल्पसंख्यकों को विकास की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए सदैव प्रयत्नशील व क्रियाशील रहे हैं।


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