
किसी को गंजा कहना योन उत्पीड़न की श्रेणी में, कोर्ट का सख्त फैसला
अगर आपको किसी के कम बालों को देख उसे चिढ़ाने की आदत है तो सावधान हो जाईये। एक ब्रिटिश अदालत ने किसी के कम बालों को लेकर मजाक उड़ाने या उसे गंजा कहने को यौन उत्पीड़न माना है।
अदालत ने गंजेपन की तुलना किसी महिला के स्तनों पर फब्ती कसने से की है।
‘गंजे’ शब्द का इस्तेमाल करना अनुचित
टोनी फिन ने शिकायत की थी एक घटना के दौरान उन्हें फैक्ट्री सुपरवाइजर जैमी किंग ने उसे ‘गंजा’ कहते हुए गाली दी थी। इसके बाद जज ने कहा कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों के बाल ज्यादा झड़ते हैं इसलिए किसी के लिए इस शब्द का इस्तेमाल करना भेदभाव का एक रूप है।
यह मामला तब शुरू हुआ जब एक कर्मचारी ‘गंजा’ कहे जाने की शिकायत लेकर अदालत पहुंचा। टोनी फिन एक वेस्ट यॉर्कशायर में एक ब्रिटिश बंग कंपनी में 24 साल से काम कर रहा था लेकिन पिछले साल अचानक उसे निकाल दिया गया। इसके बाद टोनी फिन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। डेलीमेल की खबर के अनुसार टोनी फिन ने अदालत में तमाम दावे किए जिसमें से एक दावा यौन उत्पीड़न का भी था।
‘गंजा’ कहना महिला के ब्रेस्ट पर कमेंट करने जैसा
तीन सदस्यों के पैनल ने इस विवाद पर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने किसी शख्स को गंजा कहने की तुलना किसी महिला की ब्रेस्ट पर कमेंट करने से की। जज जोनाथन ब्रेन के नेतृत्व में पैनल ने आरोपों पर विचार किया कि क्या उसके गंजेपन पर टिप्पणी सिर्फ अपमान है या वास्तव में उत्पीड़न है। पैनल ने कहा, ‘हमारे फैसले में, ‘गंजा’ शब्द और सेक्स की संरक्षित विशेषताओं के बीच संबंध है।’
कोर्ट ने बताया अपमानजनक व्यवहार
उन्होंने कहा, ‘हम इसे स्वाभाविक रूप से यौन संबंधित पाते हैं। किंग ने फिन के रंग-रूप पर यह टिप्पणी उनको आहत करने के लिए की जो अक्सर पुरुषों में पायी जाती है। इसलिए ट्रिब्यूनल का यह मानना है कि फिन के लिए ‘गंजा’ शब्द का इस्तेमाल करना, एक अपमानजनक व्यवहार था। इससे फिन की गरिमा को ठेस पहुंची है और उनके लिए भय का माहौल पैदा हुआ।’