अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को, अबूझ सावा लेकिन लॉकडाउन के चलते शादियां खिसकी
अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है और इस वर्ष ये पर्व 26 अप्रैल को है। पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किया जाता है उसका अक्षय फल मिलता है, इसलिये अक्षय तृतीया कहा जाता है।
हिन्दू धर्म मे अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया के दिन सुबह ब्रह्म मुहर्त में उठाक्त स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने का प्रावधान है। अक्षय तृतीया बसन्त ऋतु के अंत ओर ग्रीष्म ऋतु के प्रारम्भ होने का भी दिन माना जाता है। इसलिये इस दिन पानी से भरे घड़े, छाता, कुल्हड़, खड़ाऊ, आदि गर्मी में लाभदायक वस्तुओं को दान करना अच्छा माना जाता है।
लॉकडाउन के चलते शादियां आगे खिसकी
आखा तीज के दिन शादियों का अबूझ सावा माना जाता है, ओर इस दिन सबसे अधिक शादियां होती है, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश मे लॉकडाउन है, जिसके चलते अधिकांश शादियां आगे खिसका दी है।