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बाबा वेंगा की खतरनाक भविष्यवाणी : अगले साल आएगी तबाही, आएगा एक घातक वायरस

कई सारी यादों के साथ साल 2021 गुजरने वाला है और अब हर कोई नए साल का इंतजार कर रहा है। 2020 की तरह 2021 में भी दुनिया के ज्यादातर देश कोरोना वायरस महामारी से जूझते रहे। महामारी के इस भयावह दौर में हर कोई 2022 के बेहतर होने की उम्मीद कर रहा है। इस बीच नए साल 2022 को लेकर प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं की डराने वाली भविष्यवाणियां भी सामने आने लगी हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बाबा वेंगा ने अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि साल 2022 में ग्लोबल वार्मिंग बढ़ेगी और इसका सबसे ज्यादा असर भारत में दिखाई देगा। यहां अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक को छू जाएगा। उनका कहना है कि तापमान बढ़ने के कारण टिड्डियों की आबादी अधिक हो जाएगी जो फसलों को तबाह कर देंगी। इस कारण देश में अकाल जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। बाबा वेंगा के मुताबिक साल 2022 में दुनिया में पानी का संकट गहराने वाला है। कई शहरों में लोगों को पीने के पानी को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। नदियों का पानी प्रदूषित हो जाएगा और झील-तालाब का दायरा सिकुड़ता चला जाएगा। उनकी भविष्यवाणी के मुताबिक, पानी की किल्लत के कारण दूसरी जगहों पर पलायन बढ़ने लगेगा।

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भविष्यवाणी के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग के कारण रूस के साइबेरिया इलाके में बर्फ पिघलने लगेगी और एक घातक वायरस से दुनिया का सामना होगा। यह वायरस बहुत खतरनाक होगा और तेजी से फैलेगा। उनके मुताबिक, इस वायरस के संक्रमण से निपटने में दुनिया के तमाम इंतजाम नाकाफी साबित होंगे। बाबा वेंगा की भविष्यवाणी के मुताबिक, हिंद महासागर में भूकंप के बाद एक बड़ी सुनामी उठेगी। ये सुनामी ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया और भारत समेत कई देशों के तटीय इलाकों को अपनी चपेट में ले लेगी। इस सुनामी के कारण काफी नुकसान होगा और कई लोगों की जान जाएगी। आपको बता दें कि बाबा वेंगा की कई भविष्यवाणियां सच हो चुकी हैं। हालांकि कई भविष्यवाणियां ऐसी भी हैं जो पूरी तरह से गलत भी साबित हुई हैं। अब देखना यह होगा कि साल 2022 के लिए उनकी भविष्यवाणी सही साबित होती है या नहीं।

आपको बतां दे कि बाबा वेंगा 1911 में पैदा हुई थीं और 1966 में उनका निधन हो गया। कहा जाता है कि 12 साल की उम्र में बाबा वेंगा ने अपनी आंखें खो दी थीं। इसके बाद ही उन्हें एहसास हुआ कि ईश्वर ने उन्हें चीजों को पहले ही देख लेने की शक्ति प्रदान की है। साल 1966 में बाबा वेंगा की ब्रेस्ट कैंसर से मौत हुई, तब तक बड़े-बड़े राजनेताओं से लेकर आम लोग उनके मुरीद हो चुके थे। बाबा को खुद लिखना-पढ़ना ज्यादा नहीं आता था। वे कहतीं और लोग लिखा करते थे. इसी तरह से बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां इकट्ठा हुईं।


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