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ओमीक्रॉन से जनवरी- फरवरी में आएगी तीसरी लहर, एक्सपर्ट का दावा

राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात में ओमीक्रॉन संक्रमित मरीज के सामने आने के बाद दिल्ली की भी धड़कन बढ़ी हुई है.

इनकी जिनोम रिपोर्ट को लेकर स्वास्थ्य विभाग की सांसे अटकी हैं. ओमीक्रॉन के खतरे की आहट के बीच आईआईटी (IIT) के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि ओमीक्रॉन की वजह से जनवरी-फरवरी के बीच कोरोना (Corona Epidemic) की तीसरी लहर आएगी. उनका कहना है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन का प्रभाव दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक दिखने लगेगा. जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी की शुरुआत में ओमीक्रॉन संक्रमण पीक पर होगा.

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तीसरी लहर दूसरी की तुलना में कम घातक होगी
प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने नए अध्ययन में दावा किया है कि हालांकि तीसरी लहर, दूसरी लहर की तुलना में कम घातक होगी. प्रो. अग्रवाल ने अपने गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है. गौरतलब है कि इससे पहले प्रो. मणींद्र ने ही अपने गणितीय मॉडल के आधार पर ही दूसरी लहर के बाद नए म्यूटेंट के आने से तीसरी लहर की आशंका जताई थी. अब प्रो. अग्रवाल ने दक्षिण अफ्रीका से फैले ओमीक्रॉन वेरिएंट पर स्टडी शुरू कर ताजा निष्कर्ष जारी किए हैं.

तीसरी लहर में मिलेंगे हर रोज एक से डेढ़ लाख मरीज
इन निष्कर्षों के मुताबिक अब तक जितनी भी केस स्टडी सामने आई हैं, उसमें संक्रमण तेजी से फैल रहा है लेकिन बहुत अधिक घातक नहीं मिला है. प्रो. अग्रवाल के मुताबिक सितंबर में तीसरी लहर को लेकर जो आकलन किया था, वह सच साबित होता दिख रहा है. कई देशों में फैलने के बाद भारत में भी ओमीक्रॉन संक्रमण के मामले मिलने लगे हैं. उन्होंने बताया कि जब तीसरी लहर अपने चरम पर होगी, तब रोजाना एक से डेढ़ लाख के बीच संक्रमित मरीजों के मिलने की संभावना है.

बच्चों के लिए परेशानी का सबब नहीं बनेगी तीसरी लहर
प्रो. अग्रवाल के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर भी बच्चों के लिए परेशानी का सबब नहीं बनेगी. उनमें लक्षण भी कम नजर आएंगे वे यदि संक्रमित हो भी गए तो जल्द ही ठीक हो जाएंगे. उनके मुताबिक ओमीक्रॉन से संक्रमित मरीज जल्दी ठीक होंगे. इस वेरिएंट से संक्रमित लोगों में सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होंगे लेकिन दूसरी लहर की तरह अधिक परेशान नहीं होंगे. प्रो. अग्रवाल के मुताबिक यह वेरिएंट नेचुरल इम्युनिटी को ज्यादा बाईपास नहीं कर रहा है. नेचुरल इम्युनिटी का मतलब जो लोग एक बार कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें अधिक घबराने की जरूरत नहीं है. वे संक्रमण से नहीं बच पाएंगे लेकिन अधिक दिक्कत जैसी स्थिति नहीं होगी.


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