♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

भाई दूज आज : इस शुभ मुहर्त में लगाएं भाई के माथे पर सौभाग्य का टीका, जानें भाई दूज से जुड़ी ये खास बातें

हिंदू धर्म में भाई दूज का विशेष महत्व है। भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। रक्षा बंधन की तरह यह त्योहार भी भाई-बहन के प्रति एक-दूसरे के स्नेह को दर्शाता है।

यह त्योहार रक्षाबंधन की तरह ही होता है। परंपरा के अनुसार इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से उन भाइयों-बहनों को जीवन भर यम का भय नहीं रहता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और उनकी बNहन यमुना के पूजन का विधान है। चलिए आपको बताते हैं कि शुभ मुर्हूत, पूजा विधि, सामग्री और कथा

तिलक करने का शुभ मुहूर्त

भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से दोपहर 3 बजकर 21 मिनट तक है।

शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 2 घंटे 11 मिनट की है।

भाई दूज पर पूजा सामग्री लिस्ट

भाई दूज के दिन पूजा सामग्री में कुछ चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए। इसमें आरती की थाली, टीका, चावल, नारियल, सूखा नारियल, मिठाई, कलावा, दीया, धूप और रुमाल जरूर रखें।

भाई दूज की पूजा विधि

इस दिन भाई को घर बुलाकर तिलक लगाकर भोजन कराने की परंपरा है। भाई के लिए पिसे हुए चावल से चौक बनाएं। भाई के हाथों पर चावल का घोल लगाएं। भाई को तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद भाई की आरती उतारें। भाई के हाथ में कलावा बांधें। भाई को मिठाई खिलाएं। मिठाई खिलाने के बाद भाई को भोजन कराएं। भाई को बहन को कुछ न कुछ उपहार में जरूर देना चाहिए।

भाई दूज की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सुर्य और उनकी पत्नी संध्या की संतान धर्मराज यम और यमुना थे, लेकिन भगवान सूर्य के तेज को संध्या देवी सहन न कर पाई और यमराज और यमुना को छोड़ कर मायके चली गईं, लेकिन वे अपनी जगह प्रतिकृति छाया को भगवान सूर्य के पास छोड़ गईं। यमराज और यमुना छाया की संतान न होने के कारण मां के प्यार से वंचित रहे, लेकिन दोनों भाई-बहन में आपस में खूब प्रेम था। यमुना की शादी के बाद धर्मराज यम बहन के बुलाने पर यम द्वितीया के दिन उनके घर पहुंचे। भाई की आने की खुशी में यमुना जी ने भाई का खूब सत्कार किया। यमराज को तिलक लगा कर पूजन किया। तब से हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।

शुभ होता हैं ये संकेत

शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रखती हैं। इस समय ऊपर आसमान में चील उड़ता दिखाई दे तो बहुत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि बहनें भाई की आयु के लिए जो दुआ मांग रही हैं उसे यमराज ने कुबूल कर लिया है या चील जाकर यमराज को बहनों का संदेश सुनाएगा


विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)



Get Your Own News Portal Website 
Call or WhatsApp - +91 8809 666 000

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809 666 000