♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

“प्रेम की पोटली” को मिला चुन्नीलाल सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार

धनतेरस के दिन राजस्थानी कथाकार सत्यदीप की कथा पुस्तक प्रेम की पोटली को इकतीस हजार रुपये की राशि शाॅल, श्रीफल आदि के चुन्नीलाल सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार से नवाजा गया। पुरस्कार के अध्यक्ष राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व अध्यक्ष श्याम महर्षि ने कहा कि पूरे विश्व में उच्च कोटि की भाषा हिन्दुस्तान में संवैधानिक मान्यता न होना हमारे सर्वोच्च संस्थानों में बैठे राजनेताओं की भाषा समझ को इंगित करता है। राजस्थानी कौनसी, यह राजस्थानी भाषा के लिए किया जानेवाला व्यर्थ प्रश्न है।

वह राजस्थानी जिसे साहित्य अकादेमी, दिल्ली ने मान्यता दे रखी है, वह राजस्थानी जिसे अनेक विश्वविद्यालयों में पढाया जाता है। उन्होंने पुरस्कार के संबंध में कहा कि साहित्यकार सत्यदीप का कथा संग्रह में संकलित कहानियां हमारे सांस्कृतिक परिदृश्य को प्रकट करती है।


साहित्य अकादेमी, दिल्ली से हाल ही में पुरस्कृत राजस्थानी संस्कृति मर्मज्ञ भंवरसिंह सामौर ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि राजस्थानी भाषा को आगे बढाने मे लोक साहित्य की अहम भूमिका हो सकती है, नई पीढी को विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से लोकगीत, लोक कहावतों, लोक कथाओं, लोक प्रवादों से परिचित कराना चाहिए। हमारे गीतों में 84 नेगचार व्याख्यायित होते हैं। उन्होंने सत्यदीप को इस पुरस्कार की बधाई दी। प्रारंभ में डाॅ चेतन स्वामी ने बताया कि सोमानी फांऊडेशन के माध्यम से प्रति वर्ष कथा साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है तथा इस वर्ष से प्रतिवर्ष राजस्थानी का एक कथा संग्रह प्रकाशित कर उसे पाठकों को निशुल्क वितरित किया जाएगा।


पुरस्कार प्रायोजक उद्योगपति लक्ष्मी नारायण सोमानी ने स्वागत भाषण करते हुए कहा कि राजस्थानी हमारी मातृभाषा है, उसके संवर्धन का प्रयास हर राजस्थानी का कर्तव्य है।

कार्यक्रम के दौरान काव्य प्रस्तुति में शंकरसिंह राजपुरोहित ने अपनी रम्य रचनाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। कवयित्री मनीषा सोनी आर्य ने अपनी मीठी वाणी में-‘गर्व भरयो तप तेज भरयो रूड़ो राजस्थान गीत सुनाकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। कवि प्रहलाद सिंह झोरड़ा ने राजस्थानी भाषा की महिमा का गान करके उपस्थित जन को भावुक कर दिया। विशिष्ट अतिथि डाॅ गजादान चारण ने अपने उद्गार कविता के रूप में प्रस्तुत किए। उनकी कविता-‘आजादी री इज्जत म्हे राजस्थानी राखी है’ सुनाकर सब को जोश से भर दिया। पुरस्कृत कथा संग्रह ‘प्रेम री पोटळी’ पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि यह कथा संग्रह हमारी ओरल ट्रेडिशन को जीवित रखता है। ये साधारण जीवन के असाधारण किस्से हैं।

पुरस्कृत  साहित्यकार सत्यदीप ने कहा कि मैं इस पुरस्कार का श्रेय अपनी धर्म पत्नी को देता हूं। कार्यकर्म के प्रारंभ में त्वेशा सोमानी ने आ तो सुरगां ने सरमावै ईं पर देव रमण नै आवै गीत सुनाया। समारोह में सोमानी परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे, वहीं नगर के 140 से अधिक गणमान्य भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मधुर संचालन कवि रवि पुरोहित ने किया।


विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)



Get Your Own News Portal Website 
Call or WhatsApp - +91 8809 666 000

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809 666 000