NEET परीक्षा परिणाम घोषित, मृणल कुट्टेरी, तन्मय गुप्ता और कार्तिक जी ने किया टॉप
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी यानी एनटीए ने नीट यूजी 2021 का परिणाम जारी कर दिया है। तेलंगाना के मृणल कुट्टेरी, दिल्ली के तन्मय गुप्ता और महाराष्ट्र की कार्तिक जी नायर ने इस परीक्षा में टॉप किया है।
इन तीनों को एक समान ही 720 अंक प्राप्त हुए हैं। काउंसलिंग प्रक्रिया में इनके बीच टाई ब्रेक फॉर्मूले को इस्तेमाल किया जाएगा। 15 उम्मीदवारों का परिणाम गलत कार्यों में सम्मिलित होने के कारण कैंसिल कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश आगरा के निखर बंसल को ऑल इंडिया पांचवीं रैंक मिली है। निखर ने 99.99 पर्सेंटाइल के साथ 720 में 715 अंक प्राप्त किए हैं। निखर के अलावा अन्य टॉपर्स की जानकारी भी जल्द मिलने वाली है। एनटीए ने स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 2021 के परिणाम को ईमेल के माध्यम से वितरित किया है।
REET Result 2021 : जारी हुआ रीट परीक्षा का रिजल्ट, यह रहा Direct Link
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दो उम्मीदवारों के लिए नए सिरे से परीक्षा का आदेश देने वाले बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने के बाद एनटीए ने परिणामों की घोषणा की। प्रवेश परीक्षा सितंबर में देश और विदेश के परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इस साल लगभग 16 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। उम्मीदवार परिणाम को एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट neet.nta.nic.in पर देख सकते हैं।
एनटीए की ओर से मेडिकल प्रवेश परीक्षा पहले 01 अगस्त को होनी थी, लेकिन कोरोना के कारण इसे टालना पड़ा और फिर 12 सितंबर, 2021 को नीट परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा पेन एंड पेपर मोड यानी लिखित माध्यम में हुई थी। परिणाम की घोषणा करने से पहले, एनटीए ने उम्मीदवारों की दर्ज प्रतिक्रियाएं, ओएमआर शीट और अंतरिम उत्तर कुंजी जारी की थी।
हाईकोर्ट ने दोबारा परीक्षा का आदेश दिया था
परिणाम से पहले ही नीट 2021 परीक्षा इस बार विवादों में घिर गई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो छात्रों के लिए फिर से परीक्षा करवाने का आदेश दिया था। छात्रों का दावा था कि उन्हें गलत प्रश्न- पत्र और उत्तर पत्रक दिए गए थे। हालांकि, एनटीए की अपील पर शीर्ष अदालत ने कहा कि दो उम्मीदवारों के लिए करीब 16 लाख उम्मीदवारों के नतीजे रोके नहीं जा सकते।
नकल और सॉल्वर कांड भी
इससे पहले, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पुलिस ने उन समूहों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षा कर्मचारियों के समर्थन को सूचीबद्ध किया था और उम्मीदवारों को प्रश्नों को हल करने में मदद की थी। कुछ चिकित्सा उम्मीदवारों ने इस आधार पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था कि परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित नहीं की गई थी। उन्होंने परीक्षा को रद्द करने और फिर से आयोजित करने के लिए कहा था लेकिन शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका पर विचार नहीं किया। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लाखों लोगों ने परीक्षा दी है और कुछ प्राथमिकी के आधार पर इसे रद्द नहीं किया जा सकता है।