कोरोना वारियर्स टीम आपणी पाठशाला द्वारा 10 लाख से अधिक की सहायता
मुस्कान संस्थान चूरू के अन्तर्गत संचालित आपणी पाठशाला की वालेन्टेयर टीम ने 10 लाख से अधिक रूपये के राशन सामग्री कीट बांटे
चूरू। मुस्कान संस्थान चूरू के अन्तर्गत संचालित आपणी पाठशाला चूरू के वालेन्टेयर को कोरोना वारियर्स कहना कोई अतिष्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि लॉकडाउन की शुरूआत से ही यह टीम गरीब दिहाड़ी परिवारों के राशन व्यवस्था के साथ साथ उनकी दैनिक उपयोग की वस्तु भी उन्हें मुहैया करवा रहे है। आपणी पाठशाला में पढ़ रहे बच्चों के परिजनों को इस संकट के समय आपणी पाठशाला चूरू से काफी उम्मीद थी जिसे पूरा करने के लिए संस्थान के संरक्षक हनुमानराम इसराण व संस्थापक सिपाही धर्मवीर जाखड़ की देखदेख में कोरोना लॉकडाउन के दौरान सामाजिक दूरी को बनाये रखते हुए प्रशासन के सहयोग से इन परिवारों को इस वैश्विक महामारी में ध्यान रखने की महत्ती आवश्यकता पर बल दिया।
मुस्कान संस्थान चूरू के सचिव दिनेश कुमार सैनी ने बताया कि दिनांक 22 मार्च के शुरूआती लॉकडाउन से पहले ही विदेशो में मचे हाहाकर से यह भांप लिया कि इटली, अमेरिका जैसे बड़े देश भी कोरोना के आगे विवश है तो ऐसे में एक विकासशील देश भारत की क्या स्थिति रह सकती है। देश के सभी राज्यों पर निश्चित ही बड़ा प्रभाव देखने का मिलेगा। इस बड़ी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए संस्थान के पदाधिकारियों की ओर से पूर्व बैठक आयोजित की गई जिसमें करीब 10 लाख रूपये का बजट संस्थान के निधि खाता से आहरित कर खर्च करने की योजना तैयार कर ली गई।
लाॅकडाउन की शुरूआत में सभी तरह की तैयारियां करने के लिए जिला कलेक्टर श्री संदेश नायक से भी औचक बैठक रखी गई जिसमें कोरोना की वजह से लाॅकडाउन व इस आपदा में जिला प्रशासन के साथ से गरीब परिवारों तक राशन सामग्री के साथ साथ दवाईया पहुंचाने के लिए प्रस्ताव रखा गया। जिसे जिला कलेक्टर ने स्वीकार कर स्वतंत्र रूप से जन सेवा करने के लिए संस्थान को निर्देशित किया और वाहन की अनुमति तत्काल प्रभाव से एसडीएम अवि गर्ग को जारी करने की अनुमति दी।
कोरोना लाॅकडाउन में गरीब परिवारों तक राशन पहुंचाने के लिए संस्थान के ही दो वाहन को पूर्ण तया साफ सुथरा व रोजाना सैनेटाईज कर राशन की आपूर्ति करने की योजना तैयार की गई। शुरूआती समय में प्रतिदिन 150 पैकेट राशन वितरण करके इन परिवारों को राहत दी गई। मुस्कान संस्थान चूरू की ओर से बनाये जा रहे भोजन साम्रगी के किट को तैयार करने के लिए स्वयं वालेन्टेयर टीम जिसमें संस्था सचिव दिनेश सैनी, कोषाध्यक्ष सुनित गुर्जर, सदस्य दीपचंद सहारण, अजय गोयल, दीपिका सोनी, सिपाही धर्मवीर जाखड़, शाबीरा बानो, शाहरूख खान, जाकीर खान आदि ने रात दिन एक कर भोजन सामग्री के पैकेट बनाने के लिए बड़ी मेहनत की और सुबह 10 बजे से इन पैकेट को वितरण के लिए वैन माध्यम से भेजा जाने लगा। लॉकडाउन के प्रथम चरण के बाद केन्द्र सरकार की ओर से लॉकडाउन का बढाया जाना इन दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर परिवारों के लिए फिर से संकट का काल बन गया। ऐसे में इन परिवारों को मनोबल देने के लिए टीम आपणी पाठशाला ने आपसी संवाद स्थापित कर सरकार की गाइडलाइन के अनुसार काम करने के लिए उन्हें समझाया और कहा कि आपको खाने पीने से सम्बंधित किसी भी प्रकार की समस्या नही आने दी जावेगी।
लाकडाउन के द्वितीय चरण के लिए राशन सामग्री की व्यवस्था करने के लिए मुस्कान संस्थान को सोशल मीड़िया के माध्यम से अपील करनी पड़ी ताकि इन परिवारों तक राशन पहुंचाने के लिए आर्थिक मदद हो सके। ऐसे में कई भामाशाह आगे जिनमें धूरीना मोबाइल ऐप्प के संदीप खरीटा, श्रवण रेवाड़, गोल्डन लेडी नाम से मशहुर शीतल दूगड़, सन्नी जैन, जगन्नाथ शेषमा, करणसिंह शेखावत, ओमप्रकाश फरडोलिया, गौतम गुलेरिया, विजय पूनिया, सुश्री निलमजी, अशोक बागोरिया, कृष्ण कुमार, करण स्वामी, रफीक खान, अभय जाखड़, रणवीर भाटी, सुनिल नेतड़, अजय रोलन, राजेन्द्र सुण्डा, राकेश सहारण जैसे कई साथी सामने आये और इस कोरोना लॉकडाउन में इन परिवारों के लिए हर सम्भव मदद करने के लिए कहा।
राशन सामग्री वितरण करने के लिए प्रशासन के बने जोन के अनुसार कार्य करने के लिए दीपचंद सहारण को नियुक्ति किया गया और राशन वितरण किन किन परिवारों को आवश्यकता इस इसकी जानकारी बाबत मुकेश मील को नियुक्त किया गया। राशन सामग्री वितरण करने के लिए इन परिवारों के आधार कार्ड को साक्ष्य के रूप में लिस्ट बनाई गई ताकि हर एक परिवार को भोजन सामग्री मिल सके और अन्य कोई इनके हिस्से ही सामग्री रखकर पैनिक नहीं करें।
राशन वितरण के दौरान सोशल डिस्टेसिंग का पालना करवाने के लिए अजय गोयल को यह जिम्मेदारी दी गई। प्रतिदिन वाहन में रखी जा रही किट को व्यवस्था को बनाये रखने के लिए अतिरिक्त स्टाक प्रबंधक को भी नियुक्त किया गया जिसकी देखरेख में राशन सामग्री संस्थान के बाहर व्यवस्थित रूप से वाहन में रखी जावेगी। वाहन में सामग्री रखने से पहले साफ सफाई और सैनेटाईजर करने की ओर विशेष ध्यान दिया गया।
कोरोना लाॅकडाउन के शुरूआत से ही आपणी पाठशाला की टीम अपने आप को घरों से दूर रहकर संस्थान के परिसर में ही रहने की प्रतिज्ञा ली और अभी तक संस्थान परिसर में ही रह रहे है। ऐसे कोरोना वारियर्स जो अपने परिवार के साथ साथ सामाजिक दायित्व भी बड़ी सहजता और बुद्धिमति से निभा रहे है। डाक्टर, नर्स, पुलिस के साथ साथ इन स्वयं सेवक व आपणी पाठशाला टीम भी किसी कोरोना वारियर्स से कम नहीं है।