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विदेशी नागरिकों को लोन दिलाने का झांसा देकर 30 करोड़ की ठगी, नागौर में पकड़ा गया

विदेशों में मौजूद लोगों को सस्ती दरों पर लोन दिलवाने का झांसा देकर करीब 30 करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी का बड़ा खुलासा शुक्रवार को हुआ है। मामले में SOG की सायबर सेल पुलिस ने राजस्थान में बैठकर ठगी करने वाली गिरोह के एक शातिर बदमाश को नागौर से पकड़ा है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह करीब 500 विदेशी नागरिकों से वायर ट्रांजेक्शन के जरिए लगभग 30 करोड़ रुपए हड़प चुका है। इससे पहले भी गैंग में शामिल एक ठग को SOG गिरफ्तार कर चुकी है।

SOG के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी रमजान खान है। वह नागौर शहर में किले की ढाल, भाटी पेट्रोल पम्प के पीछे का एक कॉलोनी का रहने वाला है और तीन कंपनियों का असिस्टेंट डायरेक्टर है। गैंग ने अमेरिका शहर के फ्लोरिडा शहर में एक सेवानिवृत्त शिक्षा अफसर को झांसा देकर करीब 10 हजार डॉलर यानी 7.43 लाख रुपए की ठगी थी। SOG ने इस मामले में जांच कर कार्रवाई की। तब विदेशी नागरिकों से करोड़ों रुपए की इस ठगी का पता चला।

यह है पूरा मामला: अमेरिकी एजेंसी FBI ने किया राजस्थान से कनेक्शन का खुलासा
एडीजी राठौड़ के मुताबिक इससे पहले केस की जांच FBI ने भी की। जिसमें भी कई अहम खुलासे हुए। तब ठगी का कनेक्शन राजस्थान से जुड़ा होने का पता चला। इसके बाद 17 मार्च 2020 को विदेशी नागरिक MS CHERISE BARASCH ने भारत सरकार के माध्यम से जरिये डाक से एक FIR एसओजी के सायबर थाने में दर्ज करवायी थी। जिसमें बताया कि फ्लोरिडा, अमेरिका में एक सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी है। कुछ लोगों ने फोन के जरिए उनसे संपर्क किया।

खुद को इजी डायरेक्ट सोल्यूसन्स का प्रतिनिधि बताया और सस्ती दरों पर लोन दिलाने का झांसा दिलवाने की बात कही। कुछ दिनों की बातचीत में जयपुर के कॉल सेंटर में बैठे इन ठगों ने सेवानिवृत्त ऑफिसर को विश्वास में ले लिया। उससे 10,000 डॉलर (7.43 लाख रुपए) अपने खाते में जमा करवा कर निकाल लिए। तब SOG ने धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की।

जयपुर में कॉल सेंटर से इस तरह करते है ठगी की वारदात

डीआईजी शरत कविराज ने बताया कि पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ठगी करने वाली पूरी गैंग राजस्थान की रहने वाली है। जयपुर में इनका कॉल सेंटर भी है। FBI ने भी अपने अनुसंधान में पाया कि करीब 500 विदेशी नागरिकों के साथ जयपुर में बैठी इस गैंग ने सस्ती दरों पर लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी की गई।

फर्जी फर्म खोलकर डायरेक्टर बनते है, अमेरिका में वर्चुअल ऑफिस के पते पर मंगवाते हैं चैक
इस गैंग के शातिर ठग भारत में फर्जी फर्मों के डायरेक्टर बनकर रहते हैं। वे विदेशों में ऑनलाईन कम्पनी एवं खाता खोलकर विदेशी नागरिकों को लोन दिलवाने का झांसा देकर एर्टोनी फीस, बैंक प्रोसेसिंग फीस, फाईल चार्ज, रजिस्ट्रेशन, कैशियर चैक आदि के नाम पर मोटी रकम की डिमांड करते हैं। फिर अमेरिकन नागरिकों से अमेरिका में फर्जी तरीके से खोली हुई कम्पनियों के नाम से वर्चुअल ऑफिस अमेरिका के पते पर कैशियर चैक मंगवा लेते हैं।

वायर ट्रांसफर से भारत में अपने खातों में रुपए निकाल लेते हैं
सायबर थानाप्रभारी DSP उमेश निठारवाल के मुताबिक वर्चुअल ऑफिस पर चैक प्राप्त करने के बाद US के बैंक में जमा करवाते हैं। बैंक में चैक जमा होने के बाद आरोपी वायर ट्रांसफर के जरिए अमेरिका से भारत में अपने और अपनी कंपनी के नाम से खुलवाए गए विभिन्न बैंक खातों में रकम को ट्रांसफर करवा लेते हैं।

बचने के लिए अमेरिका में ही ऑनलाइन सर्वर लेकर IP एड्रेस काम में लेते है
अनुसंधान में सामने आया कि गैंग के शातिर ठग अमेरिका में ऑनलाइन सर्वर किराए पर लेते हैं। इसके जरिए रिमोट पीसी एक्सेस कर स्थानीय आईपी एड्रेस को काम में लेते हैं। जिससे बैंक को संदेह नहीं होता है कि वायर ट्रांजेक्शन किसी अन्य देश की आईपी एड्रेस पर किया जा रहा है। यह गैंग इतनी चालाक है कि वायर ट्रांजेक्शन से विभिन्न बैंकों में शॉप एक्ट के तहत फर्म रजिस्टर्ड करवाकर रखते हैं। फिर चालू खाता खुलवाकर स्वयं और अन्य मासूम लोगों के खातों को काम में भी रकम को ट्रांसफर करवा लेते हैं


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