देश में 4 जुलाई को आ चुकी है कोरोना की तीसरी लहर, देश के बड़े वैज्ञानिक का दावा
एक बहुत बड़ी आशंका सच साबित होते दिख रही है। दावे के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर देश में दस्तक दे चुकी है। देश के एक बड़े वैज्ञानिक की मानें तो कोरोना की तीसरी लहर देश में 4 जुलाई को ही शुरू हो चुकी है। यह दावा हैदराबाद के एक वैज्ञानिक ने संक्रमण और मौत की मेट्रिक्स के डेटा के विश्लेषण के आधार पर किया है। उनका कहना है कि दूसरी लहर में भी फरवरी में ही ट्रेंड नजर आने लगा था।
जाने-माने भौतिक शास्त्री और हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रो-वाइस चांसलर डॉक्टर विपिन श्रीवास्तव ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया है कि 4 जुलाई से देश में कोविड-19 के नए संक्रमण और मौत के आंकड़े उसी तरह के लग रहे हैं, जो फरवरी, 2021 के पहले हफ्ते में थे।
कोविड की दूसरी लहर ने तभी दस्तक दिया था और अप्रैल के अंत तक उसने भयावह रूप धारण कर लिया था।
वैज्ञानिक ने देश को किया सावधान
उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, मास्क और वैक्सीनेशन जैसे कोरोना अनुकूल उपायों का पालन नहीं किया तो तीसरी लहर भी तेजी से रफ्तार पकड़ सकती है। डॉक्टर श्रीवास्तव पिछले 15 महीनों से कोविड संक्रमण और उसकी मौत की दर के आंकडों का विश्लेषण कर रहे हैं। उनका कहना है कि फरवरी के पहले हफ्ते में भी बिल्कुल इसी तरह का ट्रेंड था, लेकिन बाद में उसने तबाही ला दी थी।
कैसे किया है तीसरी लहर का दावा
उन्होंने अपने दावे के लिए 461 दिनों के डेटा की जांच-पड़ताल की है और उसी के मुताबिक मेट्रिक्स तैयार किया है। इस मेट्रिक्स का नाम उन्होंने डेली डेथ लोड दिया है, जो हर 24 घंटे के आंकड़ों के आधार पर निर्धारित की गई है। यह 24 घंटे में नए संक्रमण और उसी अवधि में हुई मौते के अनुपात पर तय किया गया है। अच्छी स्थिति तब मानी जाती है, जब डेली डेथ लोड कम या नकारात्मक रहे।
सरकार भी बार-बार लोगों को कर रही है सावधान
गौरतलब है कि केंद्र सरकार भी लोगों को बार-बार आगाह कर रही है कि दूसरी लहर खत्म नहीं हुआ है। खासकर पिछले दिनों लोग जिस तरह से रिवेंज आउटिंग के लिए हिल स्टेशनों की ओर निकलें हैं, उसको लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चिंता जता चुके हैं।देश