आकाशीय बिजली से बचने के लिए इन बातों का रखें खास ख्याल,
राजस्थान सहित उत्तर भारत में रविवार को भारी बारिश के बीच आकाशीय बिजली गिरने से करीब 50 लोगों की मौत हो गई है. वज्रपात के वक्त अक्सर लापरवाही जानलेवा साबित होती है. थोड़ी सी सावधानी हमें मौत के मुंह में जाने से बचा सकती है. आकाशीय बिजली के खतरे को भांपने का 30-30 का फार्मूला भी है. ऐसे प्राकृतिक हादसों पर नजर रखने वाली साइट ऑल्टेकग्लोबल ने ऐसी ही तमाम सावधानियों के बारे में बताया है. आप भी जानिए कि बिजली गिरते वक्त क्या करना चाहिए और क्या नहीं। जानिए 10 अहम बातें…
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आकाशीय बिजली गिरते वक्त घर के बाहर हैं तो 30-30 का रूल (30-30 Rule) खतरे का अनुमान लगाने का आसान तरीका है. जब आपके इलाके में बिजली चमके तो तुरंत सेकेंड के हिसाब से 30 तक गिनती शुरू कर दें. अगर 30 सेकेंड के भीतर ही बिजली की गड़गड़ाहट भी सुनाई दे जाती है तो समझ लीजिए यह खतरा है और किसी सुरक्षित स्थान पर शरण लेना बेहतर है. अगर अनुमान नहीं भी लगा पा रहे हैं तो मोबाइल पर वेदर अलर्ट का जरूर ध्यान रखें और उसी का अनुपालन करें.
बिजली गिरते वक्त बाहर हैं तो किसी इमारत में शरण लें. अगर वहां बिल्डिंग नहीं हैं तो गुफा, कार, किसी वाहन या कठोर परत वाली जगह के नीचे चले जाएं. पेड़ सुरक्षा का बेहतर विकल्प नहीं हैं, क्योंकि वे बिजली को अपनी ओर खींच सकते हैं.
अगर आप कहीं शरण (shelter) नहीं ले सकते तो कम से कम इलाके की सबसे ऊंचे वस्तु जैसे टावर से दूर रहें. आसपास इक्का-दुक्का ही पेड़ हैं तो खुले मैदान में ही कहीं झुककर बैठ जाना ही सबसे बेहतर है.
अगर आप बिजली कड़कने की आवाज सुन रहे हैं तो बाहर न जाएं. बिजली चमकने के बाद और गरजने तक के बीच सेकेंड गिनकर उसे 3 से भाग दें तो पता चल जाएगा कि आपके इलाके से कितनी दूर बिजली गिरी है.
रेडियो, टोस्टर जैसे किसी बिजली चालित सामान से दूर हो जाएं. बिजली चमकने के अंदेशे के पहले ही इलेक्ट्रानिक उपकरणों को प्लग (Unplug any electronic equipments) से हटा दें. आग की जगहों, रेडियटर्स, स्टोव, किसी भी धातु के उपकरणों, सिंक और फोन का भी इस्तेमाल न करें.
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खिड़कियों, दरवाजे और बरामदा में भी न जाएं. घर में किसी धातु के पाइप को भी न छुएं. हाथ धोने या शॉवर का उपयोग न करें. ऐसे वक्त बर्तन या कपड़े धोने का जोखिम भी न मोल लें.
अगर किसी पानी वाली जगह से तो तुरंत बाहर निकलें. पानी में छोटी नाव, स्विमिंग पूल, झील, नदी या जल के किसी भी अन्य स्रोत में नाव आदि पर सवाल हैं तो तुरंत वहां से निकल जाएं.
जब आप इलेक्ट्रिक चार्ज (बिजली) के आवेश में आते हैं तो बाल या रोएं खड़े हो जाते हैं, ऐसे में तुरंत ही जमीन पर लेट जाएं. वज्रपात जानवरों के लिए भी खतरा है, पेड़ के नीचे बारिश से बचने को खड़े जानवरों पर अक्सर बिजली जानलेवा साबित होती है.
बिजली से बचने का एक उपाय यह भी है कि विद्युत या टेलीफोन लाइन जैसे तारों को जमीन के अंदर से ही ले जाना चाहिए. जबकि हवा में झूलते तार अक्सर किसी इमारत में आकाशीय बिजली के संपर्क में आने का कारण बन सकते हैं. इससे घरों के इलेक्ट्रिक उपकरणों के साथ इमारत को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है.
बच्चों को भी बिजली के किसी भी उपकरण से दूर ही रखें. मोबाइल चार्ज या किसी अन्य उपकरण को प्लग करने के साथ उसका इस्तेमाल तो बिल्कुल ही न करें. ज्यादा देर तक बिजली कड़कती है तो स्थानीय राहत एवं बचाव एजेंसी से संपर्क साध सकते हैं. अगर बिजली चली भी जाए तो भी इलेक्ट्रिक उपकरणों या स्विच को बार-बार न छुएं
बिजली का झटका लगने पर जरूरत के अनुसार व्यक्ति को सीपीआर, कार्डियो पल्मोनरी रेसिटेंशन यानि कृत्रिम सांस देनी चाहिए। तत्काल प्राथमिक चिकित्सा देने की व्यवस्था करनी चाहिए।