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जानिए गर्भासन की विधि, लाभ ओर सावधानी योग गुरु ओम कालवा के साथ

गर्भासन योग क्या है ?
गर्भ का अर्थ होता है कोख। इस आसन के अंतिम मुद्रा में शरीर भ्रूण का रूप ले लेता है, इसीलिए इसे गर्भासन कहते हैं। यह आसन स्वस्थ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है खासकर स्त्रियों के लिए कुछ ज़्यदा ही महत्वपूर्ण लाभदायक है।
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विधि
यहां पर गर्भासन के सरल तरीके को बताया गया है जिसके अनुसरण करके इस आसन को आप अपने कर सकते हैं।
तरीका
सबसे पहले आप पद्मासन में बैठ जाएं।
बांहों (Arms) को प्रत्येक पांव की जांघों एवं पिंडलियों (Calves) के बीच ऐसे ले जाएं कि कोहनियां (Elbows) मुड़ सकें।
जांघों को उठाइए और कानों को अंगुलियों से पकड़िए।
अपने हिसाब से आसन को धारण करें और फिर धीरे धीरे अपने आरंभिक अवस्था में आ जाएं।
यह एक चक्र हुआ।
इस तरह से आप इसको 3 से 5 बार करें।
लाभ
गर्भासन के कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताया जा रहा है।
गर्भासन स्त्रियों के लिए: स्त्रियों से सम्बंधित बहुत सारी परेशानियों का समाधान इस योगाभ्यास में है। इसका नियमित अभ्यास होने से शिशु जन्म समय में अधिक दर्द का अनुभव नहीं होता। महिलाओं की मासिक धर्म में भी यह उपयोगी योग है।
गर्भासन पाचन में: यह पेट की मालिश करता हुए गैस्टिक ग्रंथि को सही तरीके से काम करने के लिए उत्तेजित करता है और इस तरह से भोजन के पाचन में सहायक है।
तांत्रिक तंत्र के लिए योग: यह आसन तांत्रिक तंत्र को मजबूत बनाता है।
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क्रोध कम करने के लिए योग: यह आसन उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी जिन्हें क्रोध बहुत ज़्यदा आता है। इस तरह से यह आपके मन को शांत करने में उपयोगी है। इस आसन के नियमित अभ्यास से आप अपने पर और अपने शरीर पर काबू पा सकते हैं।
रक्त संचार बढ़ाने के लिए योग: इस आसन के नियमित अभ्यास से आप रक्त संचार बढ़ाने में मदद मिलती है।
बुढ़ापा रोक योग: इस आसन के अभ्यास से बुढ़ापे की गति को कम किया जा सकता है।
गर्भासन योग खूबसूरती के लिए: अगर आपको अपनी त्वचा की चमक एवं खूबसूरती को बनाये रखना है तो इस आसन का नियमित अभ्यास जरूर करें।
कमजोरी दूर करने के लिए योग: प्रसव के 40 दिन बाद इस आसन का अभ्यास करने से शरीर से कमजोरी कम होने लगती है।
कब्ज कम करे: इसके अभ्यास से कब्ज कम करने में सहायता मिलती है।
सावधानियाँ
गर्भासन करते समय कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
गर्भवती महिला को इस आसन के करने से बचना चाहिए।
अगर आपके कमर दर्द हो तो इस आसन का भ्यास मत करें।
जिन्हें घुटने की दर्द हो उन्हें भी यह आसन नहीं करनी चाहिए।
निरंतर अभ्यास के बाद ही गर्भासन को सही रूप में किया जा सकता है।
योग गुरु ओम कालवा
प्रदेश संरक्षक
राजस्थान योग शिक्षक संघर्ष समिति वर्तमान में तुलसी सेवा संस्थान हॉस्पिटल श्री डूंगरगढ़ में योग चिकित्सक पद पर कार्यरत
Mob.9799436775


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