जानिए अर्द्धचक्रासन योग विधि, लाभ और सावधानियां योग गुरु ओम कालवा के साथ…………
अर्धचक्रासन क्या है –
अर्धचक्रासन खड़े होकर करने वाले एक योगाभ्यास है। इसका अर्थ समझने के लिए आप इस शब्द को दो भागों में बाँट सकते हैं – संस्कृत भाषा में ‘अर्द्ध’ का अर्थ होता है आधा और ‘चक्र’ का अर्थ होता है पहिया। इस आसन में शरीर की आकृति आधे पहिये के समान हो जाती है, इसीलिए इसे अर्द्ध-चक्रासन कहा जाता है। अगर इसके फायदे के हिसाब से देखा जाये तो यह डायबिटीज, शुगर, पेट की चर्बी कम करना इत्यादि के लिए बहुत प्रभावी है।
विधि
अब बात आती है की अर्धचक्रासन को कैसे किया जाए जिससे करने वाले को ज़्यदा से ज़्यदा फायदा मिले। यहां इसके करने के सरल तरीके बताए गए हैं जिसको अनुसरण करके कोई भी अपने आप इसका अभ्यास कर सकता है।
तरीका सबसे पहले आप पैर एक साथ जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं। बहुत हद तक ताड़ासन की स्थिति में रहे।
अपने हाथ बगल में रहने दें।
कोहनियां मोड़ें और कमर के निचले हिस्से को हथेलियों से सहारा दें।
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अब सांस लेते हुए यथासंभव पीछे झुक जाएं।
इस अवस्था को बनाये रखें और धीरे धीरे सांस लें एवं धीरे धीरे सांस छोड़े।
ध्यान यह भी रखें कि मुद्रा को मेन्टेन करते समय संतुलन बना रहे।
फिर सांस छोड़ते हुए मूल अवस्थाो में लौट आएं।
यह एक चक्र हुआ।
इस तरह से आप 5 से 7 बार करें।
लाभ
यहां पर अर्धचक्रासन के कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताया जा रहा है। आप ऊपर बताये गए तरीके का अनुसरण करें करें तो निसंभव ज़्यदा मिलेगा।
अर्धचक्रासन पेट की चर्बी के लिए: इसे अभ्यास करने से पेट साइड्स की चर्बी घटती है।
अर्धचक्रासन डायबिटीज के लिए: इसका नियमित अभ्यास करने से खून में शुगर को कण्ट्रोल किया जा सकता है। यह पैंक्रियास को एक्टिवटे करता है और इन्सुलिन की सही मात्रा खून में बनाये रखने में मदद करता है।
अर्धचक्रासन से गर्दन आराम: इस एक्सरसाइज से गर्दन के दर्द को कम किया जा सकता है।
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अर्धचक्रासन पीठ के मांशपेशियों के लिए: यह पीठ की मांसपेशियों में संतुलित खिंचाव लेकर आता है और पीठ में कोई अतरिक्त स्ट्रेन हो तो उसको कम करता है।
अर्धचक्रासन कमर के लिए उपयोगी: यह कमर के लिए बहुत उपयुक्त योगाभ्यास है। अगर आप कमर के दर्द से परेशान हैं तो इस योग एक्सरसाइज का प्रैक्टिस करें और हमेशा हमेशा के लिए कमर दर्द से छुटकारा पाए।
अर्धचक्रासन रीढ़ की हड्डी के लिए: मेरुदंड को रखना चाहते हैं स्वस्थ तो अर्धचक्रासन का अभ्यास करें। यह आपके रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और इस तरह से बहुत सारी परेशानियों से आपको बचाता है।
अर्धचक्रासन हिप्स के दर्द के लिए: यह कूल्हे की दर्द के लिए भी बहुत प्रभावी है।
शरीर को आगे झुकने से रोकना: प्रायः यह देखा गया है कि जब हम बैठते है तो थोड़ा आगे झुक जाते हैं। फिर यह हम लोगों की आदत जाती है। इसको रोकने के लिए अर्धचक्रासन एक उम्दा योगाभ्यास है।
अर्धचक्रासन स्लिप डिस्क के लिए: इस आसन के प्रैक्टिस से स्लिप डिस्क में आराम मिलता है।
अर्धचक्रासन साइटिका के लिए: अगर आप साइटिका परेशान हैं तो इस योग का अभ्यास करें।
अर्धचक्रासन सिटींग जॉब वालों के लिए वरदान: अगर आपका काम बैठ कर करने वाला है तो अर्धचक्रासन आपके के लिए वरदान है। इसका प्रैक्टिस करके के आप कमर से सम्बंधित हर परेशानियों से बच सकते है।
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सावधानियां
कमर दर्द में इस आसन को करने से बचना चाहिए।
सिर को झटके के साथ पीछे नही ले जाना चाहिए।
स्लिप डिस्क एवं साइटिका वाले को यह योगाभ्यास किसी विशेषज्ञ के निगरानी में करनी चाहिए।
इस आसन करने के बाद आगे झुकने वाला मुद्रा करनी चाहिए।
योग गुरु ओम कालवा
प्रदेश संरक्षक
राजस्थान योग शिक्षक संघर्ष समिति तुलसी सेवा संस्थान हॉस्पिटल श्री डूंगरगढ़ में योग चिकित्सक
Mob.9799436775