जानिए पद्मासन करने का सही तरीका लाभ व सावधानी योग गुरु ओम कालवा के साथ…….
पद्मासन, ध्यान और प्राणायाम के अभ्यास के लिए सबसे उपयुक्त असानो में से एक है। इसका अभ्यास करने से मन को शांति और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बनती है। यह सबसे सरल और प्राचीन आसन में से एक है, हिन्दू धर्म के भगवान शिव, बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध और जैन धर्म में तीर्थंकरों की मूर्तियां अक्सर पद्मासन मुद्रा में बैठे हुए दर्शाया गया है।
परिभाषा
पद्म का अर्थ है कमल। जब आसन का अभ्यास किया जाता है, तो साधक कमल के पुष्प के समान नज़र आता है। इसलिए इसे अंग्रेजी भाषा में लोटस पोज़ और कमलासन के नाम से भी जाना जाता है।
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फायदे
यह रक्त परिसंचरण में वृद्धि, पेट के अंगों, टखनों, पैरों को टोन करता है और कूल्हे को अधिक लचीला बनाता है।यह आसन मन और मस्तिष्क को शांत करता है।
इसे करने से घुटनों और जांघों को अच्छा खिंचाव मिलता है।
एकाग्रता बढ़ाने और ध्यान केंद्रित करने के लिए उत्तम आसन है ।
यह जांघों और कूल्हों से वजन कम करने में मदद करता है।
पद्मासन पाचन सुधारने और मांसपेशियों के तनाव को कम करने में भी मदद करता है।
यह आपके रक्तचाप को नियंत्रण में लाता है।
मासिक धर्म की परेशानी को कम करता है।
यह आसन सबसे सरल आसन है जिसे हर उम्र के लोग कर सकते हैं।
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पद्मासन कैसे करें
सुबह के समय और खाली पेट किया जाना चाहिए। सुबहे समय ना मिल पर भोजन के चार से छह घंटे बाद शाम को भी किया जा सकता है।
विधि
पैरों को आगे फैलाकर जमीन पर बैठ जाएं।
अपनी रीढ़ को सीधा रखे।
फिर दाहिने घुटने को मोड़ते हुए, दाएं पैर को बाईं जांघ पर और यही प्रक्रिया दुबारा करते हुए बाएं पैर को दाहिनी जांघ पर रखें।
हाथों को घुटने के जोड़ों पर रखें और अपनी पसंद के किसी भी हस्त मुद्रा को चुने।
इसे दौरान सिर सीधा और रीढ़ सीधा होना चाहिए।
लंबी और गहरी सांस लेते हुए कुछ मिनटों तक रोककर रखें और फिर छोड़ दें।
इस मुद्रा को 1 से 5 मिनट तक करे।
सावधानी
अगर घुटनों या टखनों में कोई चोट लगी है तो इसे ना करे।
यदि हाल ही में घुटने या कूल्हे की सर्जरी हुई हो तो इसका अभ्यास ना करे ।
योग गुरु ओम कालवा
तुलसी सेवा संस्थान हॉस्पिटल श्री डूंगरगढ़
प्रदेश संरक्षक
राजस्थान योग शिक्षक संघर्ष समिति
Mob.9799436775