श्रीडूंगरगढ़ – पहले कोरोना से पति को खोया, अब बेटे की डिग्गी में डूबने से मौत
कोरोना से बचने के लिए एक परिवार गुजरात से श्रीडूंगरगढ़ स्थित अपने पैतृक गांव हेमासर आ गया, लेकिन मौत ने यहां भी पीछा नहीं छोड़ा। लगभग दो महीने पहले परिवार के मुखिया की कोरोना से निधन हो गया तो आज रविवार सुबह छोटे बेटे की डिग्गी में डूबने से मृत्यु हो गई। न सिर्फ इस परिवार में बल्कि पूरा गांव गमगीन है।
रविवार सुबह गांव में बनी एक डिग्गी में चार बच्चे नहा रहे थे। इसी दौरान बारह साल का प्रीतम डूबने लगा। उसके साथ ही नहा रहे तीन अन्य बच्चे भी डूबने लगे। चिल्लाने की आवाज सुनकर पास ही खड़े नानूराम ने तीन को बचा लिया लेकिन प्रीतम तब तक पानी में समा गया। उसे जैसे-तैसे बाहर निकाला गया। श्रीडूंगरगढ़ अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।
उधर, घटना के बारे में पुलिस के पास कोई सूचना नहीं है। आमतौर पर एक मर्ग दर्ज की जाती है, इसके बाद ही परिजनों को शव सौंपा जाता है। श्रीडूंगरगढ़ चिकित्सालय ने बिना मर्ग ही यह कार्रवाई कर दी श्रीडूंगरगढ़ थानाधिकारी वेदपाल का कहना है कि उनके पास इस संबंध में कोई सूचना नहीं है। मीडिया ने ही उन्हें यह जानकारी दी है। शव के पोस्टमार्टम करवाने अथवा नहीं करवाने के बारे में भी उन्हें कोई लिखित सूचना नहीं दी गई है।
गुजरात से आये थे हेमासर
यह परिवार मूल रूप से गुजरात में रहता है। मृतक प्रीतम भी गुजरात में ही पढ़ाई करता था। कोरोना के कारण उसका परिवार गांव आ गया। गत 23 अप्रैल को उसके पिता ओमप्रकाश की मौत हो गई थी। उसका गम अभी कम ही नहीं हुआ कि प्रीतम की मौत ने उसकी मां को सन्न कर दिया। प्रीतम तीन भाई बहनों में सबसे छोटा था।
घर के खेत में थी डिग्गी
यह डिग्गी मृतक प्रीतम के ताऊ नन्दलाल सारस्वत के खेत में बनी हुई थी। डिग्गी के आसपास ही बच्चे खेलते रहते हैं लेकिन रविवार सुबह करीब दस बजे बच्चे नहाने उतर गए। डिग्गी बीच में गहरी थी, जहां पहुंचने पर प्रीतम डूब गया। तीन अन्य बच्चे भी इसी परिवार के थे, जिन्हें समय रहते बचा लिया गया।