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जानिए अनुलोम विलोम प्राणायाम करने का सही तरीका फायदे और सावधानियां योग गुरु ओम कालवा के साथ

योग की बढ़ती लोकप्रियता :-
योग के फायदे जान कर लोग अब इसकी तरफ बढ़ रहे हैं. कुछ लोग तो ऐसे हैं जो जिम छोड़कर योगा को अपना रहे हैं. लोगों का मानना है कि जिम से शरीर के किसी खास अंग की ही एक्सरसाइज हो पाती है, लेकिन योग से बॉडी के सारे पार्ट्स की एक्सरसाइज हो जाती है. इस कारण जिम में पसीना बहाने से बेहतर है कि आप घर बैठे अपना समय भी बचाए और बिना किसी तकलीफ के बेहतर शरीर भी पा सकें. इन्हीं में से एक है ।
अस्थमा पीडि़त इस आसन से लाभ पा सकते हैं. तो चलिए आज आपको बताते हैं अनुलोम विलोम के फायदों (Anulom Vilom Benefits) के बारे में और इसे करने के सही तरीके की जानकारी देते हैं. योग करने से आपके शरीर का डाइजेशन भी सही रहता है और शरीर तभी फिट रह सकता है जब आपकी बॉडी का डाइजेशन सही हो. योग करने से आपको समय पर भूख लगती है और समय पर खाना खाने आपका डाइजेशन भी बेहतर बना रहता है. अपने आपको फिट रखने के लिए आप कई तरह के योगासन कर सकते हैं, लेकिन कहा जाता है कि प्राणायाम के ढ़ेरों फायदे हैं. प्राणायाम करने से दमा, एलर्जी, साइनोसाइटिस,पुराना नजला, जुकाम आदि रोगों से निजात पाया जा सकता है. तो चलिए आज आपको बताते हैं योग के फायदों के बारे में-
विधि :-
1. सबसे पहले चौकड़ी मार कर बैठें.
2. इसके बाद दाएं अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका पकड़ें और बाई नासिका से सांस अंदर लें लीजिए.
3. अब अनामिका अंगुली से बाई नासिका को बंद कर दें.
4. इसके बाद दाहिनी नासिका खोलें और सांस बाहर छोड़ दें.
5. अब दाहिने नासिका से ही सांस अंदर लें और उसी प्रक्रिया को दोहराते हुए बाई नासिका से सांस बाहर छोड दें
नोट :-
दूसरी बार में आप जिस नासिका से सांस छोड़ रहे हैं उसी से दोबारा सांस को अंदर लेकर दूसरी नासिका से छोड़ना है.
फायदे :-
1. अनुलोम विलोम करने से फेफड़े मजबूत होते हैं.
2. इससे बदलते मौसम में शरीर जल्दी बीमार नहीं होता.
3. अनुलोम विलोम प्राणायाम करके आप वजन कम कर सकते हैं. जी हां, यह पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाता है, जिससे कि आप अतिरिक्त कैलोरी को भी जल्दी बर्न कर सकते हैं.
4. मसल्स के लिए भी अच्छा माना जाता है.
5. तनाव या डिप्रेशन को दूर करने के लिए अच्छा है.
6. अनुलोम विलोम करने का फायदा आपके लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे दिल को भी मिलता है. यह दिल के लिए अच्छा है.
7. शरीर का सर्वांगीण विकास होता है अनुलोम विलोम प्राणायाम से।
आवश्यक सावधानी :-
असाध्य रोगों से पीड़ित है तो शिक्षक की देखरेख में नियमित योग का अभ्यास करें।
संरक्षक
राजस्थान योग शिक्षक संघर्ष समिति
Mob.9799436775


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