गोजा लट ने बढ़ाई परेशानी, मूंगफली की फसल को चौपट कर रही है, देखें वीडियो
कोरोना काल में हर व्यक्ति किसी न किसी कारण से चिन्तित है मगर अन्नदाता और परेशानी का तो चोली दामन का साथ हो चुका है इस भंयकर तपत में किसान अपनी कर्म भूमि में फल ईश्वर के हाथ में है इसी आशा के साथ कार्यरत है ।
मगर श्रीडूँगरगढ के ग्रीन बैल्ट कहे जाने वाले आड़सर में किसान इस बार अभी मुंगफली की पूरी बिजाई ही नही कर पाये है कि गोजा लट के प्रकोप ने किसानो की नींद हर लीनी है।
किसानो ने इस लॉकडाउन में मंहगा बीज की जैसे तैसे व्यवस्था करके आसमान छूती पैस्टीसाईड व डीजल की दर बढ जाने से ट्रेक्टर से मँहगी बुआई करवा कर भी सबसे मँहगी लागत की फसल का बीजान किया है और अभी मूंगफली का बिजान चालू भी है मगर इस मूंगफली फसल में सबसे ज्यादा नुकशान करने वाली भूमि गत लट जिसको किसानो ने गोजा लट का नाम दिया है इसी नाम का अधिग्रहण करके पैस्टीसाईडस कम्पनियो ने तरह तरह के बचाव हेतु बुआई से पूर्व व बुआई के बाद में इस लट को मारने का दावा करने का ऐड देकर अपने प्रोडक्ट मार्केट में उतारे है मगर किसानो को इस लट का भय आज भी बना हुआ है न सरकार ने आज तक मूंगफली किसानो को इस लट के उपचार व मारने की कोई जैविक या राशा यनिक पैस्टीसाईड उपलब्ध करवाई है।
आड़सर के किसान जेठाराम थोरी, किशननाई व बनवारी जोशी ने बताया कि गोजा लट का प्रकोप अक्सर मानसुन की पहली बरसात के बाद तो होता है मगर बुआई के तुरन्त बाद इस बार ही देखने को मिला है
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