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श्रीडूँगरगढ के 139वें स्थापना दिवस पर कोलकाता में वर्चुअल मीटिंग

श्री डूंगरगढ़ नागरिक संघ की कल दिनांक 29-5 -2021 को सायं 5.30 बजे वर्चुअल झूम मीटिंग रखी गई जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष श्री जतन पारख ने तथा संयोजन मंत्री श्री महावीर सोनी ने किया। उपस्थिति निम्न रही।
जतन पारख,बृजकुमार बलदेवा,कैलाश बिहानी,महावीर सोनी,शशिकान्त मून्धड़ा,मदनलाल जोशी,भीखमचंद पुगलिया,जगदीशप्रसाद मून्धड़ा,
पुनमचंद बोथरा,पवन चांडक,किशन बिहानी,रणजीत डागा,दीपचंद बलदेवा,मानिकचंद राठी,सीताराम डागा,रामनिवास चांडक ,सोहनलाल सिंघी,गजानन्द बलदेवा तथा रतन सोमानी।
मीटिंग की शुरुआत विगत काल में हमारे जो प्रवासी बन्धु कोरोना के कारण काल कलवित हुए हैं उनकी आत्म शान्ति हेतु एक मिनिट का मौन रख कर की गयी।मन्त्री महावीर जी सोनी ने बताया कि आज की मीटिंग इसलिए रखी गई है कि अगर हमारे किसी भी बन्धु को किसी भी प्रकार की आवश्यकता हो तो हर प्रकार की मदद के लिए हमारी संस्था तैयार है। आज का दिन हमारे लिए विशेष है क्योंंकि श्री डूँगरगढ की स्थापना को 139 वर्ष हो गए हैं।
अध्यक्ष श्री जतन पारख ने मारवाड़ी भाषा में बताया कि हमें हमारी मातृ भूमि के लिए कुछ करना चाहिए पेड़ लगाने जैसा कार्य बहुत अच्छा होगा,तहसील के लगभग 14 गाँवों की स्कूलों में अगर 2-2 कमरों का निर्माण किया जाये तो बहुत बड़ा कार्य हो सकता है।हम हमेशा जन सेवार्थ कार्यों को करने में हर मदद के लिए तैयार हैं,हम चाहते हैं कि जन्मभूमि में कार्य हो परन्तु वहाँ स्थानीय लोगों की रूचि नहीं है ओर प्रसाशन का बिलकुल भी सहयोग नहीं मिलता जिसके कारण चाहते हुए भी काम नहीं होता।
मदनलाल जोशी ने आज के दिन को एतिहासिक बताते हुए कहा कि जेठ बदी तृतीया के दिन आज से 139 वर्ष पूर्व महाराजा श्री डूंगरसिंह जी ने प्रथम पाँच पट्टे बनाकर क्रमशः तनसुख दास जी भादानी,मूलचंद जी बाहेती, इसरदास जी लूणिया, चौथ मल जी मालू तथा हरखचंद चौपड़ा को सौंपा,हालांकि हमारा गाँव तो 11वीं शताब्दी में ही महाराज श्री सरसजी ने बसाया था,आज भी सरस जी का मन्दिर राजकीय अस्पताल के सामने बना हुआ है।
जहाँ तक कार्य करने की बात है तो हमें कोलकाता में अपनी एक निजी आफिस लेनी चाहिए ताकि हर कार्य संचालित करने में आसानी हो सके।
भीखमचंद जी पुगलिया ने कहा कि हम संस्था के हर कार्य में अधिकाधिक सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार हैं। सभी ने आफिस की बात को प्रमुखता के साथ सहमति प्रदान की।
श्री पवन चांडक,श्री जगदीश मून्धड़ा,श्री किशन बिहानी,श्री दीपचंद बलदेवा,श्री बृज कुमार बलदेवा,श्री शशिकान्त मून्धडा तथा श्री मानिक चंद राठी ने भी अपने अमूल्य विचार व्यक्त किये।
गॉंव के स्थापना दिवस को मधुरता प्रदान करने के लिए मन्त्री महोदय के आदेशानुसार मानिक जी राठी ने पल पल दिल के पास गाना गाकर सबकी पुरानी यादें ताज़ा कर दी,श्री भीखम चंद जी पुगलिया ने तो चन्दन सा बदन चंचल चितवन गाकर सबको ध्यानमग्न कर दिया तुरन्त ही कैलाश जी बिहानी ने अपनी रूचि के अनुसार गजल की प्रस्तुति कर आनन्द का माहौल बना दिया।
अन्त में मन्त्री महोदय ने समय समाप्ति की तरफ ध्यान दिलाया तब सभी ने अध्यक्ष महोदय को धन्यवाद देकर मीटिंग समाप्त की गयी।


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