क्या यहाँ लॉकडाउन की पालना करना अनिवार्य नही है ??
राजस्थान सरकार ने पूरे प्रदेश में 8 जून तक लॉकडाउन लगा रखा है। साथ ही पूरे प्रदेश में धारा 144 भी लगी हुई है। इसके अंतर्गत बेवजह घूमना मना, एक जगह चार से ज्यादा लोग जमा नही हो सकते। कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है। लेकिन ऐसा लगता है बीकानेर जिले के मोमासर गाँव मे ये नियम कोई मायने नही रखते है। लोग बाजार में जमा होकर मंडलियों में हताई करते शाम के वक़्त आसानी से मिल जायंगे। इनको ना पुलिस प्रशासन रोक पाया और ना ही स्थानीय पंचायत प्रशासन।
गांव में कोरोना अपने पैर पसार चुका है, गांव में कोरोना के चलते कई मौत भी हो चुकी है लेकिन फिर भी लगता है ऐसे लोगो को कोरोना का भय नहीं है।
ना चेहरे पर मास्क लगा होता है, अगर लगाते भी है तो सही तरीके से नही लगाते। आखिर रोजाना इस तरह घूम कर ये लोग क्या दर्शाना चाहते है। यही की इनकें लिए सरकार द्वारा जारी नियम कायदे कोई मायने नही रखते। और सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि प्रशासन ऐसे लोगों पर कदम क्यों नही उठा पा रहा। कौनसे दबाव में ये प्रशासन जो महामारी को बढ़ावा देने वालो को रोक नही पा रहा। उनको समझा नही पा रहा है।
अभी कोरोना गया नही है, हमारी थोड़ी सी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है। इसलिए सभी से निवेदन है कि घरों में रहे, सरकार की गाइडलाइन का पालन करे कुछ दिन मंडलियां या हताई नही करेंगे तो कुछ फर्क नही पड़ेगा।
यहाँ गांव के मुख्य बाजार की कुछ फ़ोटो जो बुधवार और गुरुवार को ली गई, जो हमारी लापरवाही को दर्शाती है।