आज होगा साल का पहला चन्द्रग्रहण, क्या लगेगा भारत मे सूतक, पढ़े पूरी खबर
ज्योतिष अनुसार ग्रहण के सूतक काल का विशेष महत्व होता है। इस दौरान कई कार्यों को करने की मनाही होती है। सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है तो वहीं चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले लग जाता है। 26 मई को उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। जानिए इसका सूतक काल क्या रहेगा?
26 मई को भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगेगा। ज्योतिष अनुसार इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। हिन्दु धर्म में चन्द्रग्रहण एक धार्मिक घटना है जिसका धार्मिक महत्व है। जो चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से दृष्टिगत न हो तो उसका धार्मिक महत्व नहीं होता है। उपच्छाया वाले चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से दिखाई नहीं देते इसीलिये इस दौरान किसी भी कार्य पर रोक नहीं होती। जो ग्रहण नग्न आँखों से दृष्टिगत होते हैं केवल उन्हीं का विचार किया जाता है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाता और न ही इसका सूतक काल मान्य होता है।
वैसे सनातन धर्म के अनुसार चंद्र ग्रहण के सूतक काल को अशुभ व दूषित अवधि माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते। जैसे नये कार्य की शुरुआत नहीं की जाती है। देवी-देवताओं की पूजा नहीं की जाती है और ना ही भोजन ग्रहण किया जाता है।हालाँकि सूतक काल ये नियम बच्चों, बड़ों या बीमार लोगों पर लागू नहीं होते हैं।
सूतक काल शुरू होने से पहले ही खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दिये जाते हैं। सूतक काल लगते ही गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। सूतक काल के समय तेल मालिश करना, मल-मूत्र विसर्जन, बालों में कन्घी करना, दातुन करना तथा यौन गतिविधियों में लिप्त होना प्रतिबन्धित माना जाता है।
सूतक काल शुरू होने से पहले ही खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दिये जाते हैं। सूतक काल लगते ही गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। सूतक काल के समय तेल मालिश करना, मल-मूत्र विसर्जन, बालों में कन्घी करना, दातुन करना तथा यौन गतिविधियों में लिप्त होना प्रतिबन्धित माना जाता है।
सूतक काल शुरू होने से पहले ही खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दिये जाते हैं। सूतक काल लगते ही गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। सूतक काल के समय तेल मालिश करना, मल-मूत्र विसर्जन, बालों में कन्घी करना, दातुन करना तथा यौन गतिविधियों में लिप्त होना प्रतिबन्धित माना जाता है।
सूतक काल शुरू होने से पहले ही खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दिये जाते हैं। सूतक काल लगते ही गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। सूतक काल के समय तेल मालिश करना, मल-मूत्र विसर्जन, बालों में कन्घी करना, दातुन करना तथा यौन गतिविधियों में लिप्त होना प्रतिबन्धित माना जाता है।
सूतक काल शुरू होने से पहले ही खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दिये जाते हैं। सूतक काल लगते ही गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। सूतक काल के समय तेल मालिश करना, मल-मूत्र विसर्जन, बालों में कन्घी करना, दातुन करना तथा यौन गतिविधियों में लिप्त होना प्रतिबन्धित माना जाता है।