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राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किस्त से किसानों को मिलेगी राहत- रितेश पटेल

कोंडागॉव :- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 22 लाख किसानों के खातों में 1500 करोड रुपए उत्पादकता प्रोत्साहन राशि प्रति एकड़ दस हजार रुपए की पहली किस्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि 21 मई को किसानों को देगी। छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले पर रितेश पटेल कोंडागांव जिला कांग्रेस मीडिया प्रभारी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कृषि मंत्री रविंद्र चौबे एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम का आभार व्यक्त करते कहा केंद्र में बैठी किसान विरोधी मोदी सरकार की तमाम अड़चनों के बाद भी राज्य सरकार ने विपरीत परिस्थितियों में भी किसानों के पक्ष में इस फैसले का हम स्वागत करते हैं।
इस कोरोना के संकट काल में छत्तीसगढ़ सरकार का यह फैसला किसानों के लिए निश्चित रूप से वरदान साबित होगा सरकार ने किसानों के हित में और भी अनेक फैसले लिए हैं अब धान गन्ना मक्का की खेती करने वाले किसानों के साथ-साथ तिलहन, दलहन, कोदो कुटकी ,रागी, राम तिल आदि के किसानों को भी इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा छत्तीसगढ़ सरकार ने नवंबर 2018 से खरीफ फसल रबी फसल 2021 तक 15 लाख किसानों का जलकर माफ किया है जो निश्चित तौर पर किसान हित में लिया गया फैसला है,कांग्रेस ने वनांचल में निवासरत लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 2500 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4000 रुपए करने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस की सरकार ने हमेशा से ही गरीब,मजदूर, किसानों की हितैषी साबित हुई है छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पदभार ग्रहण करते ही 2 घंटे के भीतर किसानों की कर्ज माफी की कार्यवाही पूरी की, 18 लाख किसानों के 9000 करोड़ के अल्पकालिक कृषि ऋण माफ किए,जलकर के रूप में 18 लाख किसानों का 244 करोड रुपए का कर्ज भी माफ किया है ।
पटेल ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते कहा कि कोरोना संक्रमण से गुजर रहे किसानों के सामने एक और आफत आ गई है केंद्र सरकार ने खाद की कीमतों में भारी बढ़ोतरी कर दी है 58 प्रतिशत की वृद्धि कर किसानों को कर्जदार बनाने के काम केंद्र सरकार कर रही है डीएपी की कीमत 1200 रुपए से 1900 बढ़ा है एनपीके की कीमत,एनपीएस की कीमत,सुपर फास्फेट की कीमत में भारी बढोत्तरी हुई है। इसी प्रकार कृषि उपकरणों की कीमतों में भी केंद्र सरकार ने भारी वृद्धि कर दी है जिस देश में 80 प्रतिशत से अधिक कृषक सीमांत और लघु किसान हैं जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन है और जो बमुश्किल अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाते हैं खाद्य और कृषि उपकरणों की कीमतों में बढ़ोतरी से उनकी परेशानी बढ़ जाएगी केंद्र सरकार को किसानहित मे कदम बढ़ाते हुए तत्काल खाद के दाम में बढ़ोतरी का फैसला वापस लेना चाहिए।


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