इतनी ढिलाई क्यों ? आखिर क्यों नही ले रहा प्रशासन सख्त एक्शन ?
राजस्थान में सख्त लॉकडाउन 10 मई से लग चुका है और आज इसका चौथा दिन था। लॉकडाउन के लिए जारी गाइडलाइन में लिखा गया है बेवजह घूमने वालों को संस्थागत क़वारेन्टीन किया जाए। साथ दुकानों के ख़ोलने ओर बन्द करने का समय भी निर्धारित किया गया है।
लेकिन मोमासर के ग्रामीण कहीं भी इस लॉकडाउन की पालना करते नजर नही आ रहे है। सबसे बड़ा आश्चर्य इस बात का है कि स्थानीय प्रशासन भी आंखे मूंदे बैठा है। बाजार में दुकानों के आगे ग्रामीण मंडली बनाये बैठे रहते है और हताई करते नजर आते है। जिनके लिए कोरोना काल के इस नाजुक दौर में हताई ज्यादा जरूरी है वो तो लापरवाह है ही, साथ ही प्रशासन ऐसे लोगो पर कार्यवाही क्यों नही कर रहा है । क्यों मूक बना बैठा है। ये समझ से बाहर है।
पुलिस प्रशासन को चाहिये कि ग्रामीणों को समझाए की घरों में रहे, और अगर समझाने से ना माने तो सख्ती करे। अगर गांव में कोरोना के हालात बेकाबू हो गए तो सम्भाल पाना बेहद मुश्किल होगा।
कोरोना संक्रमण शहरों के साथ-साथ गांव-ढाणी तक फैल रहा है। इससे हो रही मौतें बेहद चिंताजनक और व्यथित करने वाली हैं। ऐसे में, प्रदेशवासी पूरी गंभीरता और जिम्मेदारी से लॉकडाउन की पालना करें। निर्देश दिए कि लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस बल थाने व चौकी स्तर तक फ्लैग मार्च करें।
2/2— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 9, 2021
वर्तमान में हम सभी बहुत नाजुक दौर से गुजर रहे है। कुछ दिन हम सरकारी गाइडलाइन का पालन कर लेंगे तो कुछ नही बिगड़ जाएगा।