चलिये आज आपको बचपन में लिए चलते है, बचपन को याद कीजिये और मुस्कुराइए
बचपन की यादें हम सभी के लिए ख़ास होती हैं। कितने भी बड़े हो जाएँ लेकिन बचपन की यह सुनहरी यादें मन पर जो अपनी छाप छोड़ जाती हैं वह सारी उम्र हमें सुखद अनुभूति करवाती है। बचपन तो सबका ही अनमोल होता है लेकिन कुछ ऐसी भी चीजें हैं जो केवल 90′ s के दशक के बच्चे ही समझ पाएंगे।
उस समय स्मार्ट एजुकेशन का जमाना नहीं था अतः किताबों कॉपियों से लदा बैग लेकर स्कूल जाना, बुक्स पर कवर चढ़ा कर उनको सूंघना, स्कूल की छुट्टी होने पर बाहर ठेले से चूरन ख़रीद कर खाना… यह सब सोचते बचपन की वे सुखद यादें तरोताजा हो जाती हैं और हम बच्चे बन जाते हैं। चलिए आज ऐसी कुछ चीजें आपको दिखा कर एक बार फिर से बचपन का अनुभव करवाते हैं।
1- हमसे ज़्यादा भारी हमारा बैग हुआ करता था।
2- कई घंटों की मेहनत करके किताबों पर कवर चढ़ाते।
3- याद कीजिए आपकी भी कॉपी के आखिरी पेज का यही हाल रहता था ना।
4- ये रबड़ याद है?
5- स्टिकर लगाकर बुक्स नोटबुक्स को और भी खूबसूरत बना देते थे।
6- स्याही से हुए खराब हाथ और दोस्त की कॉपी पर छींटे देखकर भी ख़ूब मज़ा आता था।
7- किस किसको इसका स्वाद याद है ?
8- कॉपी के पेज फाड़-फाड़ कर यह भी बनाया ही होगा।
9- याद है ये…
अच्छा लगा हो तो अब अपनी याद भी शेयर जरूर कर देना।