कोरोना की चेन तोड़ने के लिए मोमासर सरपँच ने जिला कलेक्टर से की ये मांग
मोमासर सरपँच सरिता संचेती ने जिला कलेक्टर बीकानेर को मेल कर गाँव में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मांग की है कि जो सरकारी कर्मचारी जिसमे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षा विभाग, बीएलओ जो करोनाकाल में रात दिन मेहनत कर रहे हैं और जिनकी ड्यूटी कोरोना से जुड़े सर्वे में लगाई हुई है उनके पास उनकी सुरक्षा क्या कोई बंदोबस्त नहीं है। इनके पास सुरक्षा के संसाधन नही है। ऐसे में इन प्रहरियों को सुरक्षा कवच जो हो सकते हैं संसाधन उपलब्ध करवाए जाएं । ताकि वह सुरक्षित रहेंगे तो समाज सुरक्षित रहेगा।
इसके साथ ही अभी 18 प्लस टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन हो रहा है उसके लिए एंड्रॉइड फोन का होना जरूरी है । आपको ज्ञात होगा गांवों में आज भी काफी लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं होते हैं साधारण फोन से रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकता है इसके लिए कोई समुचित व्यवस्था की जाए । ताकि हर व्यक्ति इसका लाभ उठा सकें ।
साथ ही सभी सीएससी में कम से कम छोटे स्तर की या छोटे गांव की है उसमें 25 बेड बड़े हैं उसमें 50 इमरजेंसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे जिस व्यक्ति की स्थिति जल्दी ठीक होने वाली होती है उसे बाहर नहीं जाना पड़े या बीकानेर नहीं जाना पड़े ।
श्री डूंगरगढ उपखण्ड का सबसे बड़ा गांव होने के बाद भी सप्ताह में एक बार 22-30 लोगों की कोरोना जांच की जा रही। गाँव मे संक्रमण बढ़ रहा है ऐसे में जरूरी है गाँव मे कोरोना की जाँच बढ़ाई जाए और अगर सम्भव हो तो गाँव में हर परिवार में कम से कम सदस्य की जांच करवाने के आदेश जारी करवाये जाए।
इसके अलावा गांवों में जो पॉजिटीव आता है उसे घर मे क्वारंटाइन ना करवाकर संस्थागत क्वारंटाइन किया जाए। जिससे इसकी चेन को तोड़ा जा सके।