कोरोना की सुनामी से गुजर रहा है भारत, इस महामारी पर क्या कह रही है विदेशी मीडिया
भारत में बढ़ते कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया हैरान है. हर बड़े देश की मीडिया में भारत के अस्पताल, ऑक्सीजन और इस बीच पर्व-त्योहार से लेकर रैलियां करने का मामला छाया हुआ है, तो साथ में भारत को लेकर बाकी देशों का डर भी बढ़ता जा रहा है. UAE ने कल से 11 दिनों के लिए भारत से यात्रियों के आने पर पाबंदी लगा दी है. इंग्लैंड और अमेरिका जाने वाले यात्रियों में अफरातफरी है. अचानक ही वक्त का पहिया ऐसा घूमा कि कोरोना का एंडगेम देख रहे देश में हाहाकार मच गया. जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण का ये आंकड़ा आसमान छू रहा है. देश पर मुसीबतों का पहाड़ टूट रहा है.
दुनिया ने इससे पहले हिंदुस्तान का ये हाल शायद अकाल के दौर में ही देखा होगा.
तब हिंदुस्तान में लोग भूखों मर रहे थे और अब इलाज के लिए तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे हैं. महज हफ्ते भर के अंदर हिंदुस्तान में जो हालात बने हैं. वो विदेशी मीडिया की सुर्खियों में छाने लगे हैं. ब्रिटेन की मशहूर मीडिया डेली मेल ने अपनी वेबसाइट पर भारत में बढ़ते कोविड के प्रकोप को कोविड की रहस्यमय सुनामी बताया है और ये भी बताया है कि जो देश अब तक किसी चमत्कार से बच गया था, वो सबसे भीषण महामारी झेल रहा है.
‘कोविड के डबल म्यूटेंट के होने की आशंका’
डेली मेल ने फोटोग्राफ के साथ साथ इस भीषण महामारी पर दो चार्ट दिखाए हैं. पिछले साल अप्रैल से ही संक्रमितों की जो रेखा सतह पर चल रही थी, उसने अप्रैल में मिसाइल की तरह आसमान छूने की रफ्तार पकड़ ली और मौत की रेखा भी उसी रफ्तार से बढ़ी है. भारत में कोरोना की सुनामी को डिकोड करते हुए ब्रिटिश हेल्थ जर्नलिस्ट जॉन नैश ने लिखा है कि भारत में कोरोना संक्रमण की आसमान छूती रफ्तार के पीछे कोविड वायरस के डबल म्यूटेंट के होने की आशंका है. ऐसा माना जा रहा है कि B1617 म्यूटेंट पिछले साल बना था, जो हाल ही में सक्रिय हुआ है. इसमें दो म्यूटेशन होते हैं L452R और E484Q. खतरनाक बात ये है कि ये म्यूटेशंस वायरस के स्पाइक प्रोटीन बदलते रहते हैं, जो इंसान के सेल्स में दाखिल होने के लिए चाबी की तरह है.
एक्सपर्ट ये नसीहत भी दे रहे हैं कि भारत का ये म्यूटेंट अगर इंग्लैंड में दाखिल हो गया तो वैक्सीन की क्षमता को कमजोर कर देगा. द गार्डियन ने भारत में ऑक्सीजन के लिए मचे हाहाकार पर चिंता जताई है और बताया है कि शुक्रवार को कैसे हॉस्पिटल स्टाफ और परिजन सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए हाथ जोड़कर प्रार्थना करते रहे है. SOS जारी करते रहे. द गार्डियन ने भारतीय विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि हिंदुस्तान में मचे हाहाकार के लिए कोरोना से लड़ाई में लोगों की लापरवाही, राजनैतिक स्तर पर हुई गलतियां और तेजी से संक्रमित करने वाला नया म्यूटेंट जिम्मेदार है.
विदेशी मीडिया ने शहर-शहर में जल रही चिताओं के वीडियो दिखाए
द गार्डियन ने ये भी लिखा है कि भारतीय अस्पतालों में व्यवस्था चरमराने लगी है और बीते 24 घंटों में 314,835 मामले पाए गए हैं, जो कोरोना महामारी शुरू होने के बाद किसी भी देश में सबसे बड़ा रिकॉर्ड है. गार्डियन ने विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि भारत ने बहुत जल्दी मान लिया कि कोरोना का वायरस खत्म हो चुका है. ये ही वजह है कि भारत में त्योहारों की छूट दे दी गई, बाजारों में भीड़ उमड़ने लगी और देश के नेता रैलियां करने में मशगूल हो गए, जिससे सुपर स्प्रेडर डब म्यूटेंट को फैलने का भरपूर मौका मिल गया. अधिकतर विदेशी मीडिया ने शहर-शहर में जल रही चिता के वीडियो दिखाए हैं और बताया है कि जिस देश में सूर्यास्त से सूर्योदय तक चिता ना जलाने की मान्यता है, वहां पर कैसे दिन-रात दाह संस्कार हो रहा है. पूरा हिंदुस्तान कैसे मरघट में तब्दील होता जा रहा है.