जज ने फांसी लगाकर दी अपनी जान, मामले की जांच में जुटी पुलिस
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) से एक चौकाने वाली खबर सामने आ रही है, शुक्रवार को यहां एक मजिस्ट्रेट ने आत्महत्या कर ली इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस जांच में जुटी। आत्महत्या की जानकारी मिलते ही मजिस्ट्रेट को तुरंत यशोदा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, योगेश कुमार गाजियाबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-9 में तैनात थे मजिस्ट्रेट ने जज कॉलोनी के अपने सरकारी आवास पर शुक्रवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
46 वर्षीय योगेश कुमार शर्मा फ्लैट संख्या 303 टॉवर 2 जजेस रेजिडेंस, मॉडल टॉउन, थाना सिहानीगेट में रहते थे।
सुसाइड करने की वजह का नहीं हुआ खुलासा
योगेश कुमार शर्मा मूल रूप से मेरठ के रहने वाले थे। उनकी 17 मार्च 2020 को ही गाजियाबाद जिला अदालत में नियुक्ति हुई थी। एडीजे के पद पर यह उनकी पहली पोस्टिंग हुई थी। उनके परिवार में पत्नी सुचिता शर्मा और बेटा मनु शर्मा (15 वर्ष) और बेटी नंदिनी (12 वर्ष) हैं। पुलिस का कहना है कि अभी तक सुसाइड करने की वजह का खुलासा नहीं हो पाया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
मध्यप्रदेश में हुई थी जिला न्यायाधीश की हत्या
बता दें कि इससे पहले जुलाई 2020 में मध्यप्रदेश के बैतूल में जिला न्यायालय में पदस्थ अतिरिक्त जिला न्यायाधीश महेंद्र त्रिपाठी और उनके बेटे अभिनव राज की मौत हो गई थी जो कि शाजिस के तहत की गई हत्या थी। इस मामले को पुलिस ने महज पांच दिनों के भीतर सनसनीखेज खुलासा कर दिया था, बैतूल पुलिस ने इस मामले में एडीजे की महिला मित्र संध्या सिंह समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया। महिला ने एडीजे को कथित रूप से जहरीला आटा दिया था जिसकी रोटियां खाने से न्यायाधीश महेंद्र त्रिपाठी और उनके बेटे की मौत हो गई थी।
6 आरोपी हुए थे गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि महिला ने आटे में कोबरा का जहर मिलाया था, हत्या के इस मामले का पर्दाफाश हुआ, पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने बताया कि एडीजे को उनके घर में आटे में मिलाने के लिए जहर इसी महिला ने दिया था, पुलिस ने इस घटना में शामिल तांत्रिक देवीलाल समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक युवक भी शामिल है।
घटना का कारण बताते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि एडीजे और महिला के बीच रुपयों के लेन-देन के विवाद के चलते संध्या सिंह ने हत्या की साजिश रची. उसका उद्देश्य पूरे परिवार को खत्म करना था। 20 जुलाई को आटे की बनी रोटियां खाने के बाद एडीजे महेंद्र त्रिपाठी, उनके बड़े पुत्र अभिनव राज त्रिपाठी और छोटे पुत्र आशीष त्रिपाठी की तबियत बिगड़ी थी।